स्पोर्ट्स डेस्क: टीम इंडिया ने ओवल में इंग्लैंड पर 6 रन की ऐतिहासिक जीत दर्ज की और एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 से बराबरी पर समाप्त हुई। इंग्लैंड दौरा भारतीय टीम के लिए सफल रहा, जिसे कई क्रिकेट विशेषज्ञो ने श्रृंखला शुरू होने से पहले ही इसलिए कमतर आंक लिया था क्योंकि उन्होंने एक युवा टीम चुनी थी। हालांकि शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम ने एजबेस्टन और ओवल दोनो में यादगार जीत दर्ज करके अपने सभी संदेहियो को करारा जवाब दिया।
ओवल में मिली जीत को भारतीय प्रशंसक आने वाले कई सालो तक याद रखेंगे, लेकिन पूर्व भारतीय क्रिकेटर सबा करीम का मानना है कि 2021 में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में गाबा में ऑस्ट्रेलिया पर मेन इन ब्लू की तीन विकेट से जीत ज़्यादा प्रभावशाली थी। गौरतलब है कि इस जीत के साथ ही भारत 32 सालो में ब्रिस्बेन में खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराने वाली पहली टीम बन गया।
करीम ने कहा, 'ब्रिस्बेन बड़ा था। ऑस्ट्रेलिया में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, और वो भी एक बेहद युवा टीम के साथ, जिसके ज़्यादातर नियमित खिलाड़ी मैदान से बाहर चोटिल थे। भारत के लिए इस तरह की जीत अविश्वसनीय थी। और आम तौर पर, मुझे लगता है कि इसी तरह आप किसी टीम का विकास देखते है, जब आप अच्छा प्रदर्शन करते है और मैच जीतते है, तब भी जब आपके एक या दो नियमित खिलाड़ी उपलब्ध नहीं होते।'
उन्होंने आगे कहा, 'इस टेस्ट मैच में भी, हमारे पास जसप्रीत बुमराह नहीं थे, हमारे पास ऋषभ पंत नहीं थे, फिर भी हम मैदान पर उतरे और आखिरी टेस्ट मैच जीता। अगर आप तुलना करें, तो मैं पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ की बात करूंगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ ज्यादा मुश्किल था क्योंकि परिस्थितियां काफी अलग थी और फिर आप एक बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ थे। बल्लेबाजी प्रदर्शन, उस तरह का जोश, उस तरह का रक्षात्मक खेल देखना बहुत अच्छा था। इंग्लैंड अलग था क्योंकि मुझे लगता है कि ड्रॉ कराने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा।'