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स्पोर्ट्स डेस्क : कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट में भारत पर 30 रन से शानदार जीत दर्ज करने के बाद साउथ अफ्रीका को एक बड़ा झटका लगा है। टीम के स्टार पेसर कगिसो रबाडा पसलियों की चोट के चलते न केवल गुवाहाटी में दूसरा टेस्ट मिस करेंगे, बल्कि पूरी व्हाइट-बॉल सीरीज से भी बाहर हो गए हैं। रबाडा की चोट पहली टेस्ट की कठोर परिस्थितियों के बाद बढ़ गई थी। अब साउथ अफ्रीका को भारत के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीतने की उम्मीद के बीच अपनी गेंदबाज़ी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

रबाडा की चोट: CSA का आधिकारिक अपडेट

क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) ने शुक्रवार को बयान जारी करते हुए बताया कि रबाडा की पसलियों में लगातार दर्द बना हुआ है। मेडिकल टीम की सलाह के अनुसार, उन्हें तुरंत आराम की जरूरत है। CSA ने कहा, “चोट वाली जगह पर लगातार असहजता के कारण रबाडा को शेष भारत दौरे से हटा दिया गया है। वह दूसरे टेस्ट के बाद साउथ अफ्रीका लौटेंगे और चार हफ्तों के रिहैब प्रोग्राम का शुरुआती चरण मेडिकल टीम के मार्गदर्शन में जारी रखेंगे।” यह स्पष्ट है कि टीम मैनेजमेंट रबाडा की दीर्घकालिक फिटनेस से कोई जोखिम नहीं लेना चाहता, खासकर आगामी बड़ी सीरीज़ को ध्यान में रखते हुए।

लुंगी एनगिडी पहले से टीम में शामिल – क्या मिलेगा मौका?

रबाडा के कवर के रूप में साउथ अफ्रीका के पेसर लुंगी एनगिडी को पहले ही बुला लिया गया था। अब उनकी टीम में भूमिका अहम हो सकती है। हालांकि कोलकाता टेस्ट जीतने वाली प्लेइंग इलेवन बेहद संतुलित थी, इसलिए गुवाहाटी में बदलाव की संभावना कम है। फिर भी मैच की परिस्थितियों के आधार पर एनगिडी को मौका मिलना पूरी तरह संभव है।

कोलकाता टेस्ट: स्पिन जोड़ी की चमक

पहले टेस्ट में साउथ अफ्रीका के लिए सबसे बड़ा हथियार उनकी स्पिन जोड़ी साइमन हार्मर और केशव महाराज साबित हुए। 
साइमन हार्मर ने मैच में कुल 8 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच बने।
केशव महाराज ने भी लगातार दबाव बनाकर भारतीय बल्लेबाज़ों को परेशान किया।
उनके साथ ऑलराउंडर मार्को जेनसन, वियान मुल्डर और कॉर्बिन बॉश ने पेस यूनिट को अच्छी मजबूती दी थी।

भारत में सीरीज जीतने का सुनहरा मौका 

टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली साउथ अफ्रीकी टीम के पास इस समय एक बड़ा अवसर है।
2000 में हैंसी क्रोन्ये की कप्तानी के बाद से साउथ अफ्रीका ने भारत में कोई टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती है।
ईडन गार्डन्स की मुश्किल पिच पर मिली 30 रन की पहली जीत ने प्रोटियाज़ का मनोबल बढ़ाया है।
जून में WTC खिताब जीतने के बाद टीम लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रही है।
अब गुवाहाटी टेस्ट साउथ अफ्रीका के लिए इतिहास रचने का असली मौका है।