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स्पोर्ट्स डेस्कः क्रिकेट मैच के दाैरान कई बार ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं, जो इस जेंटलमैन गेम को शर्मसार करके रख देती हैं। साउथ अफ्रीका- आॅस्ट्रेलिया के बीच चल रही 4 टेस्ट मैचों की सीरीज ने अबतक कई विवादों को जन्म दिया। केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्में आॅस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने अफ्रीका के हाथों हारने से बचने के लिए बाॅल टेंपरिंग नीति अपनाई। ओपनर कैमरन बैनक्राफ्ट गेंद से छेड़छाड़ करते पकड़े गए आैर बाद में आॅस्ट्रेलियाई टीम ने अपना अपराध कबूल कर लिया, जिसके बाद स्मिथ पर 1 मैच का बैन आैर बैनक्राफ्ट तो तीन डी-मैरिट प्वाइंट दिए गए। लेकिन यह कोई पहला माैका नहीं है जब आॅस्ट्रेलिया ने ऐसी नीच हरकतें की हों, इससे पहले भी इस टीम के खिलाड़ी कई बार क्रिकेट को शर्मसार कर चुके हैं। आइए जानें ऐसे 5 माैके जब आॅस्ट्रेलिया ने क्रिकेट को किया शर्मसार-

1. 37 साल पहले ग्रेग आैर ट्रेवर चैपल की बेईमानी 
आज से 37 साल पहले ग्रेग चैपल आैर ट्रेवर चैपल ने सरेआम बेईमानी कर क्रिकेट को शर्मसार कर दिया था। बात 1 फरवरी 1981 की है, जब ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड सीरीज कप का फाइनल मैच खेला जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ग्रेग चैपल थे। न्यूजीलैंड को आखिरी गेंद पर जीत के लिए 6 रनों की जरूरत थी। ग्रेग को हार का डर सताया आैर उन्होंने हार से बचने के लिए अपने भाई ट्रेवर चैपल को गेंद थमाई। ग्रेग ने गेंदबाजी कर रहे अपने भाई ट्रेवर चैपल को अंडरआर्म गेंद फेंकने के लिए कहा। ट्रेवर अंडरआर्म गेंद फेंक दी आैर स्ट्राइक पर खड़े ब्रायन मैकेनी ने गुस्से में आकर बल्ला जमीन पर पटक दिया। आॅस्ट्रेलिया ने यह मैच तो जीत लिया लेकिन उसने खेल भावना से खिलवाड़ किया, जिसकी क्रिकेट जगत में खूब आलोचना हुई।  
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2. रिकी पोंटिंग की बेईमानी
रिकी पोंटिंग की तुलना महान कप्तानों में की जाती है, लेकिन वह भी बेईमानी करने में सबसे आगे थे। 2007-08 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरा पर गई थी जहां पर सिडनी टेस्ट के दौरान सौरव गांगुली का कैच माइकल क्लार्क ने जमीन पर छुने के बाद पकड़ा जिसके बाद अंपायर को रिकी पोंटिंग ने आउट होने का इशारा किया। जिस पर अपायर ने गांगुली को आउट करार दे दिया। जबकि टीवी रिप्ले में साफ तौर पर नजर आ रहा था कि गेंद माइकल क्लार्क ने गेंद को सही तरह से नहीं पकड़ा था। अंपायर के फैसले के बागद रिकी पोंटिंग मुस्करा रहे थे।


3. 2008 में सिडनी टेस्ट का विवाद
जनवरी 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच 'मंकीगेट' विवाद हुआ था। सिडनी टेस्ट के दौरान साइमंड्स ने भज्जी पर नस्ली टिप्पणी का आरोप लगाया था। वहीं साइमंड्स पर पहले गाली-गलाैच करने का आरोप लगा। भज्जी पर लेवल 3 के चार्ज लगाए गए। उन्हें तीन टेस्ट मैचों के लिए बैन किया गया और मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना भी लगाया गया। बीसीसीआई ने जब आईसीसी के इस फैसले का विरोध किया तो बाद में साइमंड्स गलत पाए गए। सचिन तेंदुलकर की गवाही के बाद जज हेनसन ने हरभजन पर लगा बैन हटा लिया था। बाद में साइमंड्स को अपना आरोप वापस लेना पड़ा था आैर माफी मांगनी पड़ी थी। 
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4. गौतम गंभीर vs शेन वॉटसन
2008 में ही ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर शेन वॉटसन लगातार गौतम गंभीर को कमेंट कर रहे थे। गंभीर ने भी जवाब दिया। रन लेने के दौरान उन्होंने वॉटसन को कोहनी मार दी। गंभीर पर एक टेस्ट मैच का बैन भी लगा। वहीं वॉटसन पर मैच फीस का 10 फीसदी फाइन लगाया गया। लेकिन इस घटना के बाद भी वाॅटसन की आलोचना हुई थी आैर कहा जाने लगा की आॅस्ट्रेिलायाई खिलाड़ी स्लेजिंग में सबसे आगे हैं। 
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5.  आउट होने के बावजूद क्लार्क क्रीज पर डटे रहे
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2007-08 का दूसरा टेस्ट मैच अंपायर स्टीव बकनर के लिए एक दु:खद अनुभव रहा. प्रचुर मात्रा में अंपायरिंग भूलों के लिए कुख्यात रहा यह मैच। ऑस्ट्रेलिया आराम से 250/2 पर पहुंचा था जब मैथ्यू हेडन ने अनिल कुंबले की गेंद पर लापरवाह रिवर्स स्वीप करने का प्रयास किया और कैच आउट हो गए थे। फिर माइकल क्लार्क आए। कुंबले की गेंद पर उन्होंने बल्ला घुमाया और गेंद राहुल द्रविड़ के हाथो में जा गिरी। क्लार्क ने तुरंत द्रविड़ को कैच पकड़ते पीछे मुड़कर देखा और क्रीज़ से तब तक हिलने से मन कर दिया जब तक कि बकनर उनके आउट होने की पुष्टि नहीं करते। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि भारतीय कप्तान विरोधी बल्लेबाज़ के इस व्यव्हार पर नाराज़ थे।