नवी मुंबई: भारतीय महिला टीम अपने तीसरे फाइनल में खिताबी सूखा खत्म करने की उम्मीद के साथ रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महिला वनडे विश्व कप के फाइनल (IND vs SA Final) में उतरेगी। दक्षिण अफ्रीका पहली बार विश्व कप फाइनल खेल रही है, जबकि भारत 2005 और 2017 में मिताली राज की अगुआई में दो बार उपविजेता रहा है। 2005 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 98 रन से हराया था, जबकि 2017 में इंग्लैंड ने रोमांचक मुकाबले में नौ रन से मात दी थी।
विश्व कप इतिहास में फाइनल की शुरुआत 1982 से हुई थी। इंग्लैंड ने अपने तीसरे प्रयास (1993) में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता था, जबकि न्यूजीलैंड ने भी 2000 में घरेलू सरजमीं पर तीसरे प्रयास में ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रचा था।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अब तक 33 वनडे मुकाबले हुए हैं, जिनमें भारत ने 20 जीते हैं। हालांकि, विश्व कप में दोनों टीमें बराबरी पर हैं- छह मैचों में तीन-तीन जीत के साथ। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ विश्व कप में लगातार तीन मुकाबले जीते हैं- 2017, 2022 और 2025 में।
इस फाइनल में भारत न सिर्फ खिताब के लिए खेलेगा, बल्कि दक्षिण अफ्रीका से मिली लगातार हार का बदला चुकाने के इरादे से भी मैदान पर उतरेगा। डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारत अपने दो मैच जीत चुका है, जबकि दक्षिण अफ्रीका पहली बार इस मैदान पर खेलेगा।
यह महिला विश्व कप इतिहास में पहला फाइनल होगा जिसमें दो नई टीमें खिताब के लिए भिड़ेंगी। रविवार का दिन महिला क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा- क्योंकि जीतने वाली टीम पहली बार विश्व विजेता बनेगी।