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मुंबई : बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर रखने का फैसला मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर का था। बीसीसीआई से निर्देश मिलने के बावजूद घरेलू टूर्नामेंट नहीं खेलने पर ईशान और अय्यर को अनुबंध से बाहर रखा गया। 

ईशान पिछले साल वनडे विश्व कप के बाद लंबे ब्रेक पर चले गए और आईपीएल में ही लौटे। वहीं अय्यर ने रणजी ट्रॉफी में सेमीफाइनल और फाइनल समेत मुंबई के लिए कुछ मैच खेले। मुंबई टीम जब रणजी खेल रही थी तब अय्यर कोलकाता नाइट राइडर्स के मुंबई शिविर में भाग ले रहे थे। 

शाह ने बीसीसीआई कार्यालय पर मीडिया से बातचीत में कहा, ‘आप संविधान देख सकते हैं। मैं चयन समिति की बैठक बस बुलाता हूं।' उन्होंने कहा, ‘वह फैसला अजित अगरकर का था। जब इन दोनों खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट नहीं खेला तो उन्हें बाहर रखने का फैसला अगरकर का ही था। मेरा काम बस उस पर अमल करने का है। हमें संजू सैमसन जैसा अच्छा खिलाड़ी मिल गया। कोई भी अपरिहार्य नहीं है।' 

शाह ने कहा कि उन्होंने बाद में दोनों खिलाड़ियों से बात भी की। उन्होंने कहा, ‘मैने उनसे बात की। मीडिया में रिपोर्ट भी आई थी। हार्दिक पांड्या ने भी कहा था कि अगर बीसीसीआई सफेद गेंद के क्रिकेट के लिए उन्हें चुनता है तो वह विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने के लिए तैयार है। हर खिलाड़ी को खेलना होगा, भले ही वह नहीं चाहता हो।' 

गुजरात टाइटंस और मुंबई इंडियंस के बीच मैच के बाद उन्होंने ईशान से क्या बातचीत की, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैने उसे कोई सलाह नहीं दी। यह दोस्ताना बातचीत थी कि उसे अच्छा खेलना चाहिए। मैं सभी खिलाड़ियों से ऐसे ही बात करता हूं।'