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खेल डैस्क : निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ का नेतृत्व कर रहे संजय सिंह ने दावा किया है कि वह सरकार को उनका निलंबन रद्द करने के लिए मना लेंगे और 10 दिनों में वापसी करेंगे। सिंह ने कहा कि वह पहलवान विनेश फोगट और साक्षी मलिक के साथ जुड़ेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उनकी शिकायतों का निवारण केवल अदालतों में हो। संजय ने दावा किया कि पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह का अब कुश्ती में एक पैसा नहीं लगा है वह इस समय यू.पी. में अपनी अकादमी चलाने के लिए स्वतंत्र हैं। 


संजय ने ओलिम्पिक के लिए क्या योजना है ? सवाल पर कहा कि अभी 2 ओलिम्पिक क्वालीफाइंग इवैंट बाकी हैं। पुणे नेशनल्स के विजेताओं को शिविर में बुलाकर हम परीक्षण करेंगे और उन्हें क्वालीफायर में भेजेंगे। मुझे विश्वास है कि 4-5 और पहलवान क्वालीफाई करेंगे। अंतिम पंघाल पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं। तदर्थ समिति और सरकार की मंजूरी अहम हैं, आप कैसे काम करेंगे ? सवाल पर उन्होंने कहा कि समिति के सभी फैसले गलत हैं। उनका अस्तित्व नियमों के विरुद्ध है और वे महासंघ की अनुमति के बिना हैं। एक बार जब हम बागडोर संभालेंगे तो हम खुशी से अच्छे पहलवानों का स्वागत करेंगे, यहां तक कि जयपुर के पहलवानों का भी। जयपुर में जो पहलवान जीते हैं उन्हें हम प्रमाणपत्र देंगे ताकि वह नौकरी प्राप्त करें। पहलवान पुणे में होने वाले कंपीटिशन में हिस्सा लें। मैं वादा करता हूं कि ओलिम्पिक के लिए योग्य पहलवान ही चुने जाएंगे।


महिला पहलवानों के लिए सहयोगी स्टाफ पर उन्होंने कहा कि हम चोटों के लिए फिजियो नियुक्त करेंगे। महिला पहलवानों के लिए पर्याप्त महिला फिजियो होंगी। हम विदेशी कोचों से भी बातचीत कर रहे हैं। और हम पहलवानों को चार महीने के लिए विदेश भेजेंगे। चाहे कुछ भी हो जाए, कुश्ती नहीं रुकेगी। हम कानूनी रास्ता अपनाए बिना इसका समाधान निकालने को लेकर आश्वस्त हैं। हम सरकार के संपर्क में हैं। हम ओलिम्पिक में निराश नहीं करेंगे। वहीं, बृजभूषण के खिलाफ खड़े पहलवानों से उन्होंने साथ जुड़ने का आह्वान किया।


संजय सिंह ने कहा कि आप अध्यक्ष बनकर सब कुछ हासिल नहीं कर सकते। वह हमारे साथ जुड़ें और सलाहकार के रूप में युवाओं का मार्गदर्शन करें। हम उनका स्वागत करेंगे। अगर वह खुद खेलना चाहते हैं तो इसके लिए परीक्षण लें। शिविर में जाएं। नियमों का पालन करें। किसी तरह की छूट या अधिकार की इच्छा न रखें। क्योंकि हमारे पास ट्रायल्स के लिए समय नहीं बचा है तो ऐसे में हम जो कोटा जीतेंगे उन्हें ही ओलिम्पिक में भेजेंगे। रही बात बृजभूषण की तो वह महासंघ से दूर अपनी अकादमी चला रहे हैं। हम उन्हें रोक नहीं सकते।


यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद क्या महिलाएं कुश्ती में आएंगी ? सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि हां, सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। लेकिन इसीलिए हम महासंघ में एक यौन उत्पीड़न समिति नियुक्त कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि लड़कियां फिर से हम पर भरोसा कर सकें। हमने डेढ़ महीना खो दिया है। कुश्ती खेलने वाले सभी बच्चे मुझ पर भरोसा करते हैं और मुझसे उम्मीदें रखते हैं। विनेश, साक्षी और बजरंग जैसे खिलाड़ी ऐसा कर सकते हैं। उनकी लड़ाई अदालत में लड़ें। अगर उन्हें राजनीति करनी है तो चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अगर उनका दिल सचमुच कुश्ती में है, तो वे हमारे पास वापस आ सकते हैं। अगर कोई कहना है कि मैं बृजभूषण का करीबी हूं तो आपको पता ही है कि मैं महासंघ में 12 साल तक पदाधिकारी रहा तो वह 15 साल तक। आप देखें बृजभूषण के जन्मदिन पर सैकड़ों लोगों ने उन्हें गुलदस्ते दिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह सबके करीब हैं। मैं यह भ्रम समाप्त कर दूंगा।