खेल डैस्क : रमाकांत आचरेकर के स्मारक के अनावरण समारोह के दौरान एक स्टेज पर विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर दिखे थे। घटनाक्रम की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई जिसमें कांबली की सेहत खराब लग रही थी। अब कांबली ने उक्त वीडियो और सचिन के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की है। तेंदुलकर और कांबली ने एक साथ स्कूल क्रिकेट खेला और बाद में मुंबई के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट टीम के साथी भी बने। 1998 में शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल के लिए खेलते हुए दोनों ने हैरिस शील्ड मैच में 664 रन की साझेदारी का तत्कालीन विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
साल 2009 में दोनों के रिश्ते में तब खटास आ गई जब कांबली ने एक रियलिटी टीवी शो में दावा किया कि सचिन ने उनकी पूरी मदद नहीं की थी। अब 15 साल बाद कांबली ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी और दावा किया कि सचिन ने 2013 में उनकी दो सर्जरी के लिए भुगतान करने सहित मदद करने के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने खुलासा किया कि ये टिप्पणियां निराशा के कारण आई थीं।
कांबली ने कहा कि हम क्रिकेटर हैं। हमें चोट लगती है। जब हम आउट होते हैं तो हमें भी चोट लगती है। सचिन ने मेरे लिए सब कुछ किया। 2013 में मेरे दो ऑपरेशन हुए। उन्होंने आर्थिक मदद की। सचिन ने मुझे बताया कि कैसे खेलना है। मैंने नौ बार वापसी की। कांबली ने कहा कि उस समय मेरे दिमाग में आया कि सचिन ने मदद नहीं की। मैंने उन्हें फोन किया। मैं बेहद निराश था।
बता दें कि कांबली दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में गिने जाते थे और उन्होंने 1991 में एकदिवसीय क्रिकेट और 1994 में टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए पदार्पण किया। कांबली ने लगातार दो दोहरे शतक बनाने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। भारत के लिए उनका आखिरी टेस्ट 1996 में आया था जबकि उनका आखिरी वनडे मैच 2000 में था।
कांबली ने भारत के लिए 17 टेस्ट खेले और 54.20 की औसत से 1084 रन बनाए जिसमें 4 शतक थे। उन्होंने 104 एकदिवसीय मैच खेले और 32.59 की औसत से 2 शतक के साथ 2477 रन बनाए।