स्पोर्ट्स डेस्क: मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट मैच के पांचवे दिन वाशिंगटन सुंदर ने अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर इंग्लैंड के खिलाफ मैच ड्रॉ करने में अहम भूमिका निभाई। दोनो ने नाबाद 203 रन की साहसिक साझेदारी की और नाबाद शतक जड़कर इंग्लैंड की जीत की उम्मीदो पर पानी फेर दिया। सुंदर ने इस दौरान अपना पहला टेस्ट शतक भी लगाया और 206 गेंदो पर नौ चौको और एक छक्के की मदद से 101* रन बनाए।
पांचवे टेस्ट से पहले वाशिंगटन सुंदर के पिता का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि लोग अक्सर उनके बेटे के अच्छे प्रदर्शन को भूल जाते है और उसे भारतीय प्लेइंग इलेवन में नियमित मौके नहीं मिलते। उन्होंने पहले टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में उन्हें नज़रअंदाज़ करने के लिए चयनकर्ताओं की भी आलोचना की है।
सुंदर के पिता एम सुंदर ने कहा, 'वाशिंगटन लगातार बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि, लोग उसके प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और भूल जाते हैं। दूसरे खिलाड़ियों को नियमित मौके मिलते हैं, सिर्फ़ मेरे बेटे को नहीं मिलते। वाशिंगटन को लगातार पाँचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करनी चाहिए, जैसा उसने चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में किया था और उसे लगातार पाँच से दस मौके मिलने चाहिए। हैरानी की बात है कि मेरे बेटे को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए नहीं चुना गया। चयनकर्ताओं को उसके प्रदर्शन पर नज़र रखनी चाहिए।'
आगे उन्होने कहा, 'मेरा बेटा एक-दो मैच में फेल होने पर भी टीम से बाहर कर दिया जाता है। यह सही नहीं है। वाशिंगटन ने 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में टर्निंग पिच पर नाबाद 85 रन और उसी साल अहमदाबाद में उसी टीम के खिलाफ 96* रन बनाए थे। अगर उन दो पारियों में शतक भी जड़े होते, तब भी उसे टीम से बाहर कर दिया जाता। क्या किसी और भारतीय क्रिकेटर के लिए ऐसा रवैया अपनाया गया है? इन सबके बाद वह काफी मजबूत हो गया है और इसी का नतीजा है कि लोग अब उसका प्रदर्शन देख रहे हैं।'