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गुवाहाटी : भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने कहा है कि गुवाहाटी की पिच अभी भी बल्लेबाजी के लिए काफी अच्छी है, और अगर इस पर टिक कर बल्लेबाजी की जाए तो आसानी से रन बनाए जा सकते हैं। हालांकि गुवाहाटी टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इसके बिल्कुल उलट और निराशाजनक रहा। दक्षिण अफ्रीका के 489 रन के जवाब में भारत सिफऱ् 201 रन बनाकर आउट हो गया। 

बल्लेबाजी में 93 रनों की बेहतरीन पारी खेलने वाले माकर यानसन ने गेंदबाजी में सबसे अधिक छह विकेट लिए और उनकी शॉटर् गेंदों के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने पूरी तरह से घुटने टेक दिए। यानसन ने अपने छह विकेटों में से चार विकेट शॉर्ट गेंदों से हासिल किए। जहां तक गेंद-दर-गेंद का आंकड़ा उपलब्ध है, उसके अनुसार किसी भी विदेशी तेज गेंदबाज ने भारत की धरती पर एक पारी में शॉटर् गेंदों से इतने विकेट नहीं लिए हैं। 

यानसन की शॉर्ट गेंदों पर अतिरिक्त उछाल था, जिसने रवींद्र जडेजा, नितीश कुमार रेड्डी, ध्रुव जुरेल और जसप्रीत बुमराह को अपना शिकार बनाया। ऐसे में यह सवाल लाज़मी है कि जिस पिच को कुलदीप यादव ने गुवाहाटी टेस्ट के दूसरे दिन 'रोड' कहा था, क्या वह बदल चुकी है? क्या उस पर अब रन बनाना कठिन हो गया है? लेकिन वॉशिंगटन का मानना है कि पिच अभी भी बल्लेबाजी के लिए काफी मुफीद है। 

उन्होंने कहा, 'यह पिच मुश्किल नहीं थी। यह बहुत अच्छी पिच थी। भारत में आपको हर दिन ऐसी सतह नहीं मिलती। अगर आप पिच पर समय बिताते हैं, तो रन बनाए जा सकते हैं। साथ ही अगर कोई बल्लेबाज थोड़ा टिक कर बल्लेबाजी करता है तो उसे रन बनाने से रोकना काफ़ी मुश्किल है।' 

यानसन को मिल रहे अतिरिक्त उछाल के बारे में वॉशिंगटन ने कहा, 'पिच बिल्कुल भी असमान नहीं थी। बस वह सबसे लंबे गेंदबाजों में से हैं और उस लेंथ से अतिरिक्त उछाल निकाल लेते हैं। यह बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच की लड़ाई है। हमारे और उनके बल्लेबाज अलग हैं, गेंदबाज अलग हैं। कभी हमारे गेंदबाज सात-आठ विकेट ले आते हैं, कभी विपक्षी टीम नहीं ले पाती। कभी बल्लेबाज बहुत अच्छा खेल जाते हैं। यानसन ने आज बेहतरीन गेंदबाजी की।' 

भारतीय बल्लेबाजों में ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल जैसे बल्लेबाज कुछ आक्रामक शॉट खेलने के प्रयास में आउट हुए। जब वॉशिंगटन से पूछा गया कि क्या उन शॉट्स को खेलने की जरूरत नहीं थी, तो उन्होंने रणनीतिक आजादी पर जोर दिया। इस संदर्भ में वॉशिंगटन ने कहा, 'बल्लेबाजी करने के कई तरीके होते हैं। हर बल्लेबाज अपनी योजना के हिसाब से चलता है। ख़ासकर ऐसी पिच पर तो अलग-अलग योजना के लिए काफ़ी संभावना है। हम अपनी योजनाओं पर भरोसा रखते हैं। कई बार नतीजा वैसा नहीं आता जैसा हम चाहते हैं, लेकिन यही खेल है।' 

वॉशिंगटन ने पिछले 7 टेस्ट पारियों में 7 अलग-अलग स्थान पर बल्लेबाजी की है। इसी सीरीज के पहले टेस्ट में वॉशिंगटन ने नंबर तीन पर बल्लेबाजी की थी और दूसरे टेस्ट में उन्हें नंबर आठ पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। हालांकि वॉशिंगटन इससे निराश नहीं हैं। उन्होंने इसके बारे में कहा, 'मैं वही खिलाड़ी बनना चाहता हूं जिसे टीम को जहां भी जरूरत पड़े, वहां उतारा जा सके। टीम जहां कहे, मैं बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों के लिए तैयार रहता हूं। हर स्थिति मेरे लिए रोमांचक है। अलग रोल निभाने का मौका मिलता है और यह मौका हर किसी को नहीं मिलता। यह मेरे लिए उत्साहित करने वाली बात है।' 

वॉशिंगटन ने आगे टीम भावना पर जोर दिया, 'यह टीम गेम है। रणनीतियां हालात और विपक्षी टीम के हिसाब से बदलती हैं। फ़ुटबॉल में भी बड़े खिलाड़ी कभी 20 या 30 मिनट ही खेल पाते हैं। यही रणनीति का हिस्सा होता है। इसलिए टीम जहां भी कहे, मैं वहीं खेलने में सबसे ज़्यादा खुश हूं।'