स्पोर्ट्स डेस्क : टी20 क्रिकेट में युवा प्रतिभाओं का दमखम अक्सर बड़े खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ देता है और वैभव सूर्यवंशी इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनकर उभरे हैं। 18 साल की उम्र से पहले तीन T20 शतक जड़कर उन्होंने दुनिया को बता दिया कि क्रिकेट का भविष्य किस दिशा में जा रहा है। वैभव ने बिहार के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में महाराष्ट्र के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 58 गेंद में करियर का तीसरा टी20 शतक पूरा किया। वह 61 गेंद में सात छक्कों और 7 चौकों की मदद से 108 रन बनाकर नाबाद रहे। उनके पीछे दक्षिण अफ्रीका के गुस्ताव माकॉन और भारत के आयुष म्हात्रे जैसे खिलाड़ी भी हैं, लेकिन सूर्यवंशी का रिकॉर्ड अद्वितीय है।
वैभव सूर्यवंशी: कम उम्र में कमाल का प्रदर्शन
T20 क्रिकेट में धमाकेदार बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले वैभव सूर्यवंशी ने 18 साल की उम्र पूरी करने से पहले 16 पारियों में 3 शतक जड़कर एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि इतनी छोटी उम्र में बल्लेबाजों को अक्सर अनुभव और परिस्थितियों से जूझना पड़ता है, लेकिन वैभव ने हर चुनौती को अवसर में बदलते हुए शानदार निरंतरता दिखाई। उनके शतक सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि उनकी तकनीक, ताकत और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण हैं। T20 लीगों में मिल रहे निरंतर अवसरों का उन्होंने बेहतरीन उपयोग किया है, जिससे वह उभरते क्रिकेटर्स के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
18 साल की उम्र से पहले सबसे ज़्यादा T20 शतक
3* - वैभव सूर्यवंशी (16 इनिंग्स)
2 - गुस्ताव माकॉन (5 इनिंग्स)
2 - आयुष म्हात्रे (11 इनिंग्स)
वैभव सूर्यवंशी 14 साल के हैं
गुस्ताव माकॉन: पांच इनिंग्स में दो शतक का अनोखा कारनामा
दक्षिण अफ्रीका के गुस्ताव माकॉन भी इस सूची में दूसरे स्थान पर मौजूद हैं। सिर्फ 5 पारियों में दो T20 शतक जड़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए बड़ी उपलब्धि है। माकॉन की स्ट्राइक रेट, शॉट सेलेक्शन और उनकी आक्रामक बल्लेबाजी उन्हें बेहद खतरनाक खिलाड़ी बनाती है। हालांकि उनका सैम्पल साइज छोटा है, लेकिन जिस तरह उन्होंने कम पारियों में बड़ी पारियां खेली हैं, वह दर्शाता है कि वह भविष्य में कई बड़े रिकॉर्ड चुनौती दे सकते हैं।
आयुष म्हात्रे: स्थिर प्रदर्शन और क्लासिक बल्लेबाजी
भारतीय क्रिकेट के एक और युवा चेहरे आयुष म्हात्रे ने 11 इनिंग्स में 2 T20 शतक लगाकर अपनी खास पहचान बनाई है। वैभव सूर्यवंशी की तरह वह भी घरेलू और जूनियर लीग में लगातार प्रभाव छोड़ रहे हैं। म्हात्रे अपनी शांति, टाइमिंग और साझेदारी बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनका गेम एप्रोच ‘क्लासिकल T20’ बल्लेबाजी से अलग है, जहां सिर्फ पावर हिटिंग नहीं, बल्कि समझदारी और तकनीक भी झलकती है। इसी वजह से वह लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहते हुए भी बेहद प्रभावशाली दिखते हैं।