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बेंगलुरु : किसी भी खिलाड़ी के लिए उस स्थान पर वापसी करना हमेशा विशेष होता है जहां से उसका करियर परवान चढ़ना शुरू करता है और ऐसा ही कुछ बुधवार से यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू हो रहे टेस्ट मैच में लोकेश राहुल के साथ होगा जो यहां के चिन्नास्वामी स्टेडियम में तीसरी बार टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार हैं। राहुल ने इस मैदान पर पहली बार 11 साल की उम्र में खेला था और अब वह भारत के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक हैं।


राहुल ने बीसीसीआई द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि आपके घरेलू मैदान पर जहां आप बड़े हुए और आपने बहुत सारा क्रिकेट खेला हो वहां वापस आना मेरे लिए हमेशा विशेष होता है। उन्होंने कहा कि जब मैंने यहां पहला मैच खेला था तब मैं साढ़े 11 साल का था। मैं अब 32 साल का हूं और इसलिए बहुत कुछ बदल गया है। एक 11 साल का लड़का जो पहली बार यहां आया था और उसने एक मैच खेला था, वो अहसास आज भी नहीं बदला है। इतने वर्षों के बाद भी मुझे वो एहसास याद है।

 


राहुल यहां अपना तीसरा टेस्ट खेलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की 75 रन की जीत में सलामी बल्लेबाज के रूप में 90 और 51 रन बनाए थे। इसके एक साल बाद अफगानिस्तान के खिलाफ टीम की पारी और 262 रन की जीत में उन्होंने तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 54 रन बनाए थे। उन्होंने कहा कि जब आप ड्रेसिंग रूम बाहर निकल कर मैदान की तरफ आते है तो बहुत सारी भावनाएं और बहुत सारी यादें साथ होती हैं। दो मिनट में आप पूरी तीन घंटे की फिल्म देख लेते हैं और आपके दिमाग में उस समय के अतीत और जब मैंने यहां पहली बार खेला था तब की यादें ताजा होने लगती है।

 

राहुल ने ‘नाम्म मागा (हमारा लाडला)' शीर्षक वाले इस वीडियो में कहा कि एक क्रिकेटर के रूप में मेरी अंडर 13, अंडर 15, अंडर 19, आयु वर्ग, फिर रणजी ट्रॉफी और आईपीएल और अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर खेलने तक की यात्रा आपके दिमाग में आती है। आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और किसी खिलाड़ी के लिए यह जादुई एहसास जैसा है। राहुल ने उन दिनों को याद किया जब वह स्टेडियम में क्लब हाउस कैंटीन में डोसा और कॉफी पीते थे। वह हालांकि कुछ समय से वहां नहीं गए हैं।