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स्पोर्ट्स डेस्क : गुरशरण कौर ने धैर्य के साथ शानदार प्रदर्शन का तालमेल दिखाते हुए नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीत लिया है। तीन साल की बच्ची की मां गुरशरण ने 76 किलो वर्ग केटेगरी में पंजाब के जालंधर में हुई प्रतियोगिता के दौरान खिताब अपने नाम किया। इस दौरान उन्होंने हरियाणा की पूजा को 4-2 से मात दी। छह साल तक रिंग से दूर रही यह गोल्ड चैंपियन बेहद बुरे वक्त से गुजरी है। लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने रिंग में शानदार वापसी की है। 

गुरशरण ने साल 2012 में शादी के बाद खेल से किनारा कर लिया था। पति और ससुराल वाले उनके खेलने के पक्ष में नहीं थे जिसके बाद उन्होंने इस खेल से किनारा कर लिया। वर्ष 2016 में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिसके बाद स्थिति और भी खराब हो गई। इस बच्ची के जन्म से गुरशरण के ससुरालवालों खुश नहीं थे और उन्हें परेशान करने लगे। इतना ही नहीं उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता था। इन सबके बाद उन्होंने तलाक लेने का फैसला लिया और तलाक के लिए फाइल कर दिया। 

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गुरशरण की मां ने उनको अपने पहले प्यार यानि रेसलिंग में वापसी के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग शुरु की और 2018 में नेशनल चैंपियनशिप में भाग लिया। हालांकि इस दौरान वह सेमीफाइनल में जीत नहीं पाई। लेकिन इससे उनका हौसला बढ़ा और उन्हें ये मालूम हो गया कि वह वापसी कर सकती है। 

तरनतारन के मोहनपुरा की रहने वाली गुरशरण ने गोल्ड जीतने के बाद कहा कि अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं इस साल अपने बेहतरीन प्रदर्शन को लेकर पूरी तरह आत्मविश्वास के भरी थी। मेरी प्रार्थनाएं काम आई और मैंने गोल्ड अपने नाम किया। अब नेशनल टीम में मेरे लिए द्वार खुल चुके हैं। उन्होंने ये मैडल अपनी बेटी और मां के नाम करते हुए कहा कि मैंने ये मैडल अपनी तीन साल की बेटी के लिए जीता है। मैं उसे जीवन में हर सुविधाएं देना चाहती हूं।