नई दिल्ली : जैमिका में जन्मे तेज गेंदबाज रॉय गिलक्रिस्ट को क्रिकेट जगत के सबसे झगड़ालू प्लेयरों में से एक माना जाता है। वैस्टइंडीज टीम जब 1958-59 के दौरे पर भारत आई थी तो गिलक्रिस्ट अपने गलत बॉङ्क्षलग एक्शन को लेकर इतने विवाद में आ गए कि उनकी खुद की टीम के कप्तान ने उन्हें फील्ड से बाहर भेज दिया। उक्त वाक्या नागपुर में खेले गए चौथे टैस्ट का है।
गिलक्रिस्ट के सामने भारतीय सिख बल्लेबाज ए.जी. किरपाल सिंह थे। गेंदबाज ने लगातार ओवरस्टैप करते हुए बॉलिंग की। 24 यार्ड की पिच पर वह 18 यार्ड तक आकर गेंद फैंक रहा था। उनकी लगातार 3 गेंदें किरपाल के शरीर पर लगी। फिर एक बाऊंसर जोकि बॉलिंग क्रीज से करीब छह मीटर आगे जाकर फैंका गया था, सीधे किरपाल की पगड़ी पर जा लगा। पगड़ी उतरने पर खूब विवाद हुआ।
खास तौर पर वैस्टइंडीज के कप्तान गैरी एलैक्जेंडर ने अपने गेंदबाज द्वारा ऐसा करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। इससे अगला मैच नॉर्थ जोन के खिलाफ था। तब बल्लेबाजी कर रहे थे सवरणजीत सिंह। यहां भी गिलक्रिस्ट ने बीमर्स मारने शुरू कर दिए। आखिर वैस्टइंडीज कप्तान एलैक्जेंडर ने गिलक्रिस्ट को मैदान से बाहर भेज दिया। कहा- तुम अगली फ्लाइट से वापस जा सकते हो।
कहा जाता है कि पवेलियन में भी गिलक्रिस्ट और एलैक्जेंडर के बीच विवाद हुआ। गिलक्रिस्ट अपने कप्तान को चाकू मारने के लिए भी दौड़े थे। इसके बाद गिलक्रिस्ट टैस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाए। 1967 में उन्हें तीन महीने की जेल हुई। उनपर पत्नी को पीटने का आरोप लगा था। उक्त क्रिकेटर के रवैये पर तब जज ने कहा था- इससे पहले उसे अच्छा क्रिकेटर होने के कारण रियायत मिल रही थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।