स्पोर्ट्स डेस्क: तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने वर्कलोड मैनेजमेंट पर अपनी राय दी है। शार्दुल का मानना है कि खिलाड़ियों को हल्के में लिया जाता है। उन्हें शरीर को नियंत्रित रखने और उसे चोट से मुक्त रखने के लिए जरूरी लगातार ब्रेक नहीं मिलते।
हाल ही में वर्कलोड मैनेजमेंट एक तीखी बहस का हिस्सा रहा। कई पूर्व क्रिकेटरों ने जसप्रीत बुमराह द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ पांच में से तीन टेस्ट मैचों के लिए खुद को उपलब्ध रखने की आलोचना की। वही शार्दुल का मानना है कि वर्कलोड मैनेजमेंट किया जाना चाहिए।
दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल के आखिरी दिन वेस्ट जोन के कप्तान शार्दुल ठाकुर ने कहा, 'कई बार हमें हल्के में लिया जाता है और प्रबंधन उच्चतम स्तर का नहीं है। इतने महीनों तक खेलने के बाद कोई भी हमसे आकर यह नहीं पूछता कि हमारा शरीर कैसा महसूस कर रहा है। लेकिन हां मैं फिजियो और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच के साथ अपने शरीर का प्रबंधन कर रहा हूं और लगातार काम कर रहा हूं।'
गौर है कि चोट से वापसी के बाद शार्दुल रणजी ट्रॉफी 2024-25, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेल चुके हैं। उन्होंने आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए उनके प्रतिस्थापन खिलाड़ी के रूप में खेला। इसके बाद वह इंग्लैंड लायंस के खिलाफ बहु-दिवसीय मैचों के लिए भारत ए का हिस्सा थे। दलीप ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में खेलने से पहले उन्होंने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 में दो टेस्ट मैच खेले।