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एडिलेड : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर शेन वार्न को लगता है कि गुलाबी गेंद का इस्तेमाल सभी टेस्ट मैचों में किया जाना चाहिए न कि केवल डे-नाइट टेस्ट में। उन्होंने कहा- लाल गेंद ‘कुछ भी नहीं करती’ और 25 ओवर के बाद यह नरम हो जाती है। वार्न बोले- मैं पिछले कुछ सालों से कह रहा हूं। मेरा मानना है कि गुलाबी गेंद का इस्तेमाल सभी टेस्ट मैचों में किया जाना चाहिए। चाहे दिन का खेल हो या दिन-रात का।

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वार्न ने कहा- मुझे लगता है कि गुलाबी गेंद को आप वास्तव में आसानी से देख सकते हैं। दर्शक भी गेंद को आसानी से देख सकते हंै। यह टेलीविजन पर शानदार दिखती है। तो क्यों न पूरे समय गुलाबी गेंद का उपयोग किया जाए? यह गेंद 60 ओवरों के बाद नरम होती है। मैं हर टेस्ट मैच के लिए गुलाबी गेंद का इस्तेमाल करूंगा। 

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लाल गेंद की कमियों को उजागर करते हुए वार्न ने कहा- लाल गेंद स्विंग नहीं करती। यह कुछ भी नहीं करती, 25 ओवर के बाद यह नरम हो जाती है। ड्यूक फिर भी ठीक है। गुलाबी गेंद टेस्ट क्रिकेट में लाल गेंद के मुकाबले ज्यादा खराब नहीं होती है। हमने स्विंग नहीं देखी है, हमने सीम नहीं देखी है। बिल्कुल कुछ नहीं। तो चलिए कोशिश करते हैं। टेस्ट क्रिकेट में गुलाबी गेंद के लिए।

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बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 233/6 स्कोर बनाया। क्रीज पर रिद्धिमान साहा (9) और आर अश्विन (15) रनों के साथ खड़े हैं। वहीं, भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इस दौरान 23वां अर्धशतक लगाया। लेकिन खेल के अंतिम घंटे में तीन विकेट गिरने से ऑस्ट्रेलियाई टीम हावी होती दिखी।