स्पोर्ट्स डेस्क : नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को खेले गए ICC महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में शेफाली वर्मा ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसने पूरे देश को रोमांचित कर दिया। इस युवा ओपनर ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 78 गेंदों में 87 रन की धमाकेदार पारी खेली और भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। उनकी यह पारी सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें मैच की दिशा और टीम की मानसिकता बदलने की ताकत भी थी। शेफाली ने अपने आक्रामक लेकिन नियंत्रित खेल से दिखा दिया कि वह बड़े मौकों की खिलाड़ी हैं।
दबाव में संयम, फिर आक्रमण
फाइनल मुकाबले जैसे हाई-प्रेशर मंच पर उतरना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता, लेकिन शेफाली वर्मा ने इसे अपने अंदाज़ में संभाला। शुरुआती ओवरों में उन्होंने साउथ अफ्रीका की गेंदबाजों के खिलाफ धैर्य और तकनीक का बेहतरीन मेल दिखाया। नई गेंद को सावधानी से खेलते हुए उन्होंने क्रीज़ पर समय लिया, और जैसे-जैसे पिच उनके अनुकूल होती गई, उन्होंने अपना गियर बदल दिया। उनकी टाइमिंग इतनी सटीक थी कि गेंद बाउंड्री पार करती चली गई। इस पारी में उन्होंने 12 चौके और 2 छक्के लगाए, एक ऐसा संतुलन जो ताकत और सटीकता दोनों का प्रतीक था।
स्मृति मंधाना के साथ स्वर्णिम साझेदारी
शेफाली की इस पारी को और खास बनाया उनकी साथी ओपनर स्मृति मंधाना के साथ 98 रन की बेहतरीन साझेदारी ने। दोनों ने मिलकर भारत की शुरुआत को न सिर्फ स्थिर बनाया, बल्कि विपक्षी गेंदबाजों को दबाव में ला दिया। इस जोड़ी ने पहले सात ओवर में 50 रन जोड़ लिए, जिससे साउथ अफ्रीका की रणनीति बिगड़ गई। स्टेडियम में मौजूद दर्शक “शेफाली! शेफाली!” के नारों से गूंज उठे, जबकि हर शॉट भारतीय डगआउट में आत्मविश्वास बढ़ा रहा था। इस साझेदारी ने भारत को ऐसा प्लेटफॉर्म दिया, जहां से टीम बड़े स्कोर की ओर बढ़ सकती थी।
रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ नाम
शेफाली की यह पारी सिर्फ मैच की कहानी नहीं, बल्कि इतिहास का हिस्सा बन गई। उन्होंने महिला वर्ल्ड कप फाइनल में किसी भारतीय बल्लेबाज का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया, 2017 के फाइनल में पूनम राउत की 86 रन की पारी को पीछे छोड़ते हुए। यह रिकॉर्ड आठ वर्षों से भारतीय क्रिकेट में एक बेंचमार्क बना हुआ था। अगर शेफाली 13 रन और जोड़ लेतीं, तो वह वर्ल्ड कप फाइनल में शतक लगाने वाली पहली भारतीय (पुरुष या महिला) खिलाड़ी बन जातीं, एक उपलब्धि जो अभी तक किसी को हासिल नहीं हुई है।
महत्वपूर्ण मोड़ और प्रेरणा का स्रोत
उनका विकेट 18वें ओवर में अयाबोंगा खाका की गेंद पर गिरा, जब वह रन रेट तेज़ करने की कोशिश कर रही थीं। भले ही वह शतक से चूक गईं, लेकिन उनके 87 रन भारत की जीत की नींव साबित हुए। यह पारी दर्शाती है कि शेफाली अब सिर्फ एक युवा प्रतिभा नहीं, बल्कि भारत की बल्लेबाजी की रीढ़ बन चुकी हैं। उनका आत्मविश्वास, फोकस और बड़े मंच पर प्रदर्शन करने की क्षमता आने वाले वर्षों में भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकती है।
वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के शीर्ष स्कोर
शेफाली वर्मा – 87 रन (2025)
पूनम राउत – 86 रन (2017)
हरमनप्रीत कौर – 51 रन (2017)