नई दिल्ली : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेमियन मार्टिन को मेनिन्जाइटिस का पता चलने के बाद कोमा में चले गए हैं। 1992 और 2006 के बीच 67 टेस्ट मैच खेलने वाले 54 साल के पूर्व बल्लेबाज कथित तौर पर शुक्रवार को बीमार पड़ गए और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वह 2003 विश्व कप फाइनल में टूटी हुई उंगली से 88 रन की पारी खेले थे जिससे ऑस्ट्रेलिया ने खिताब जीता था।
मार्टिन के करीबी दोस्त और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई और WA टीम के साथी एडम गिलक्रिस्ट ने उनके परिवार की ओर से पुष्टि की कि 2003 विश्व कप विजेता का अस्पताल में इलाज चल रहा है। क्रिकेट.कॉम.एयू के हवाले से गिलक्रिस्ट ने कहा, 'उन्हें सबसे अच्छा इलाज मिल रहा है और (मार्टिन की पार्टनर) अमांडा और उनके परिवार को पता है कि बहुत से लोग उनके लिए प्रार्थना और शुभकामनाएं भेज रहे हैं।'
मेनिन्जाइटिस दिमाग और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर सुरक्षात्मक झिल्लियों में सूजन है और संक्रमण से दिमाग में खतरनाक सूजन हो सकती है। मार्टिन की हालत पर करीब से नजर रखी जा रही है। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने बताया कि उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मार्टिन को कोमा से बाहर लाया जा सकेगा।
गवर्निंग बॉडी के CEO टॉड ग्रीनबर्ग ने एक बयान में कहा, 'मुझे डेमियन की बीमारी के बारे में सुनकर दुख हुआ। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और व्यापक क्रिकेट समुदाय में हर किसी की शुभकामनाएं इस समय उनके साथ हैं।' मार्टिन उस समय प्लेयर ऑफ द सीरीज थे जब ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बार भारत में कोई सीरीज जीती थी, 2004 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया की 8 पारियों में से चार में उन्होंने सबसे ज़्यादा रन बनाए थे।
उन्होंने 2006-07 एशेज सीरीज में एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया की मशहूर जीत में अपना आखिरी टेस्ट खेला जिसके बाद इंग्लैंड पर 5-0 से क्लीन स्वीप के तीसरे टेस्ट से पहले अचानक रिटायर हो गए। अपने करियर के दौरान उन्होंने 46.37 की औसत से 4,406 टेस्ट रन बनाए।
मार्टिन ने 208 वनडे भी खेले जिसमें 40.90 की औसत से 5,346 रन बनाए, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 144 नॉट आउट था। उन्होंने 2003 विश्व कप फाइनल में टूटी हुई उंगली के साथ बल्लेबाजी करते हुए 88 नॉट आउट की मशहूर पारी खेली और कप्तान रिकी पोंटिंग के साथ एक शानदार साझेदारी की, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया।