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स्पोर्ट्स डेस्क : पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने गुरुवार को अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अगले अध्यक्ष बनने की दौड़ में नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों से ऐसी अफवाहें चल रही थीं कि मास्टर ब्लास्टर को रोजर बिन्नी की जगह BCCI अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, SRT स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने एक आधिकारिक बयान जारी कर पुष्टि की है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। 

SRT स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'हमारे संज्ञान में आया है कि सचिन तेंदुलकर के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद के लिए विचार किए जाने या नामांकित किए जाने के बारे में कुछ रिपोर्ट और अफवाहें फैल रही हैं।' बयान में आगे कहा गया, 'हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। हम सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करते हैं कि वे निराधार अटकलों पर ध्यान न दें।' 

BCCI अध्यक्ष का पद फिलहाल खाली है, क्योंकि रोजर बिन्नी को इस साल की शुरुआत में 70 साल की उम्र पूरी होने के बाद पद छोड़ना पड़ा था। बोर्ड के संविधान के अनुसार कोई भी पदाधिकारी 70 की उम्र के बाद पद पर नहीं रह सकता। इस बीच उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कार्यवाहक अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है। पदाधिकारियों के चुनाव 28 सितंबर को होने वाली BCCI की वार्षिक आम बैठक में होंगे और ऐसी अटकलें हैं कि सर्वसम्मति से इस पद के लिए तेंदुलकर से संपर्क किया जा सकता है। 

तेंदुलकर के BCCI अध्यक्ष बनने की खबर उस समय और अधिक चर्चा में आई जब एक मीडिया हाउस ने दावा किया गया है कि अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड तोड़ने के लिए प्रसिद्ध एक दिग्गज भारतीय क्रिकेटर पर भी इस शीर्ष पद के लिए विचार किया जा रहा है। पूर्व क्रिकेटरों द्वारा BCCI अध्यक्ष पद संभालने का चलन 2019 में शुरू हुआ, जब सौरव गांगुली ने यह पद संभाला। बाद में भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य बिन्नी ने उनकी जगह ली। 

गौरतलब है कि तेंदुलकर ने कभी कोई प्रशासनिक पद नहीं संभाला है और BCCI अध्यक्ष बनने के लिए किसी राज्य क्रिकेट संघ का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। BCCI संविधान के अनुसार प्रत्येक पूर्व भारतीय खिलाड़ी स्वतः ही अपने संबंधित राज्य संघ का सदस्य बन जाता है। हालांकि, BCCI में किसी भी पदाधिकारी पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए उस राज्य संघ से औपचारिक नामांकन आवश्यक है।