मुंबई : ड्रीम11 द्वारा स्पॉन्सरशिप वापस लेने और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के शेयर में कमी के बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रही। एपेक्स काउंसिल को सौंपे गए एक नोट के अनुसार, बीसीसीआई ने एडिडास के साथ एक अलग स्पॉन्सरशिप डील के जरिए कमी पूरी की है। बाद में इसने अपोलो टायर्स के साथ भी करार किया।
एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'ड्रीम11 और हाल के कानूनी बदलावों से प्रभावित अन्य संस्थाओं जैसे स्पॉन्सर के हटने के बावजूद BCCI ने सफलतापूर्वक अगले ढाई साल के लिए ज्यादा वैल्यूएशन पर एक नई जर्सी स्पॉन्सरशिप हासिल की है।' अगस्त में, भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 पारित करने के बाद ड्रीम11 ने 358 करोड़ रुपए की अपनी स्पॉन्सरशिप डील वापस ले ली थी, जिसने रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो ड्रीम11 का मुख्य व्यवसाय था।
पूर्व कोषाध्यक्ष और वर्तमान संयुक्त सचिव प्रभातेज सिंह भाटिया ने सितंबर में वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए मसौदा बजट के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024-2025 के ऑडिट किए गए खाते प्रस्तुत किए थे। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए कुल अनुमानित आय 8,963 करोड़ रुपए थी। राजस्व अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट को दर्शाता है, मुख्य रूप से आईसीसी आयोजनों से कम हिस्सेदारी के कारण।
आगे कहा गया है, 'वर्ष के लिए अनुमानित ब्याज आय 1,500 करोड़ रुपए थी, जो पिछले आंकड़े 1,368 करोड़ रुपए से काफी ज्यादा है, जो मजबूत ट्रेजरी प्रबंधन और बोर्ड की समग्र स्वस्थ वित्तीय स्थिति के कारण है।' हालांकि एपेक्स काउंसिल के नोट में आईसीसी शेयर में कमी की मात्रा का विवरण नहीं दिया गया है। BCCI को ICC की इनकम का 38.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।
एपेक्स काउंसिल को यह भी बताया गया कि BCCI का जनरल फंड काफी बढ़ गया है, जो 7,988 करोड़ रुपए से बढ़कर 11,346 करोड़ रुपए हो गया है जिससे वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 3,358 करोड़ रुपए का सरप्लस हुआ है - यह बढ़ोतरी अच्छे फाइनेंशियल मैनेजमेंट और मजबूत रेवेन्यू सोर्स के कारण हुई है।
भाटिया ने आगे बताया कि बजट में 6,728 करोड़ रुपये के अनुमानित सरप्लस और इंफ्रास्ट्रक्चर सब्सिडी के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है, 'जो पूरे देश में क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने पर बोर्ड के लगातार फोकस को दिखाता है।' उन्होंने यह भी कन्फर्म किया कि इनकम टैक्स देनदारियों के लिए 3,320 करोड़ रुपए, आकस्मिक खर्चों के लिए 1,000 करोड़ रुपए और लगभग 160 करोड़ रुपए के लंबित मुकदमेबाजी खर्चों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।