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स्पोर्ट्स डेस्क : पूर्व भारतीय क्रिकेटर सबा करीम ने 1 अक्टूबर को कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट के पांचवें दिन स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी की तारीफ की। बुमराह के 3/17 के शानदार स्पैल ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश को दूसरी पारी में सिर्फ 146 रन पर ढेर कर दिया। बदले में भारत को सीरीज जीतने के लिए 95 रनों का मामूली लक्ष्य मिला जिसे उन्होंने 7 विकेट शेष रहते जीत लिया। 

जियोसिनेमा से बात करते हुए सबा करीम ने बुमराह की तारीफ करते हुए उन्हें भारत के लगातार 'एक्स-फैक्टर' खिलाड़ी में से एक बताया और किसी भी मैच में जल्दी से प्रभाव डालने की उनकी क्षमता की सराहना की। करीम ने इस बात पर जोर दिया कि कई तेज गेंदबाजों या स्पिनरों के विपरीत बुमराह को खेल के रुख को प्रभावित करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत नहीं होती। गति और सटीकता का उनका घातक संयोजन खेल के सभी प्रारूपों में भारत के लिए एक संपत्ति बना हुआ है। 

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि 'धोखा' शब्द आम तौर पर स्पिनरों से जुड़ा होता है क्योंकि उनके पास पेस-बॉल की तुलना में धोखा देने के लिए कहीं अधिक शस्त्रागार होते हैं। लेकिन जसप्रीत (बुमराह) यही करने में सक्षम है। उसको यदि आप एक ओवर देते हैं, तो उसे लगता है कि एक ओवर उसके लिए विकेट लेने के लिए पर्याप्त है।' 

करीम ने कहा, 'जनरल या अन्य गेंदबाज, वे सोचते हैं, 'ओह, मुझे केवल एक ओवर मिला,' लेकिन यहां उसने बल्लेबाज को सेट करने, बल्लेबाज को धोखा देने और विकेट लेने के लिए अपनी आस्तीन में छह गेंदें रखीं। आखिरकार मस्क रहीम के साथ यही हुआ। जरा सोचिए कि मस्क रहीम वास्तव में स्ट्राइक को मजबूर करना चाहता था। इसलिए उसने पांचवीं गेंद पर सिंगल लिया, स्ट्राइक पर आया, जसप्रीत बुमराह की एक तरह की गेंद पर उस ओवर को खेलना चाहता था।'