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दुबई: एशिया कप टी20 में कप्तान के तौर पर शानदार नतीजे दिलाने वाले सूर्यकुमार यादव अब तक बल्ले से अपेक्षित प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले फाइनल में उनके पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका होगा।

टूर्नामेंट में सूर्यकुमार का सर्वश्रेष्ठ स्कोर पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप चरण में नाबाद 47 रन रहा। हालांकि कप्तान बनने के बाद उनकी बल्लेबाजी में गिरावट आई है, जिसका एक कारण उनका बल्लेबाजी क्रम बदलना भी माना जा रहा है। युवा खिलाड़ियों को मौका देने की कोशिश में उन्होंने कई बार खुद नीचे बल्लेबाजी की।

2024 में उन्होंने 15 पारियों में चार अर्धशतकों की मदद से 420 रन बनाए और 155 की स्ट्राइक रेट से 40 चौके और 22 छक्के जड़े। लेकिन मौजूदा साल उनकी बल्लेबाजी काफी धीमी रही है। 10 पारियों में सिर्फ 99 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट गिरकर 110 तक पहुंच गया है।

पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता का मानना है कि सूर्यकुमार को बल्लेबाजी करते समय कप्तानी का बोझ भूलकर अपने स्वाभाविक अंदाज में खेलना चाहिए। उनके अनुसार, 'सूर्यकुमार को वही बिंदास क्रिकेट खेलनी होगी, जो उन्हें विश्वस्तरीय बल्लेबाज बनाती है।'

दुबई की पिचों पर पावरप्ले के बाद नए बल्लेबाजों को रन बनाना कठिन हो रहा है, लेकिन सूर्यकुमार के पास अनुभव और कौशल दोनों हैं। टीम इंडिया को उम्मीद है कि कप्तान फाइनल में बड़ी पारी खेलकर अपनी छवि को चमकाएंगे।