बेंगलुरु : रणजी ट्रॉफी के 91वें संस्करण का आगाज बुधवार से होने जा रहा है, जिसमें ऋषभ पंत की संभावित वापसी और कई नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का उभरना मुख्य आकर्षण हैं। इस सीजन में अनुभवी खिलाड़ियों की प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े होंगे। भारत के टेस्ट कैलेंडर और घरेलू क्रिकेट में संतुलन बनाए रखने के इस मौके पर युवा और अनुभवी दोनों ही वर्ग के खिलाड़ी अपनी क्षमता साबित करने के लिए मैदान में उतरेंगे।
पंत की वापसी का इंतजार
जुलाई में मैनचेस्टर में चोटिल होने के बाद पंत मैदान से बाहर थे। दिल्ली की टीम में उनका नाम पहले दौर के लिए शामिल नहीं है, लेकिन अगर बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हरी झंडी देता है, तो वह दूसरे या तीसरे दौर में वापसी कर सकते हैं। उनके लिए यह रणजी ट्रॉफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नवंबर में शुरू होने वाली श्रृंखला से पहले खेल का अनुभव मिलेगा।
नए युवा सितारे तैयार
इस सीजन में कई युवा खिलाड़ियों पर निगाहें हैं, जो अपनी शानदार शुरुआत को आगे बढ़ाने का अवसर तलाश रहे हैं। आर स्मरण (कर्नाटक), आंद्रे सिद्धार्थ (तमिलनाडु), यश ढुल और प्रियांश आर्य (दिल्ली), वैभव सूर्यवंशी (बिहार), आयुष म्हात्रे (मुंबई) और दानिश मालेवार (विदर्भ) जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी में दम दिखा सकते हैं। गेंदबाजी में हर्ष दुबे, एडहेन एप्पल टॉम, मानव सुथार और गुरजपनीत सिंह नई चुनौतियों का सामना करेंगे और राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करेंगे।
पुराने सितारे अपनी वापसी के लिए
कई अनुभवी खिलाड़ी जैसे ईशान किशन, पृथ्वी शॉ, सरफराज खान, रुतुराज गायकवाड़ और रजत पाटीदार भी इस सीजन में अपनी पहचान फिर से बनाने का प्रयास करेंगे। वे पिछले प्रदर्शन से प्रभावित होकर घरेलू सर्किट में मजबूत दावेदारी पेश करेंगे। विदर्भ के करुण नायर और तमिलनाडु के नारायण जगदीशन की वापसी इस बात का उदाहरण है कि लंबे समय बाद भी अच्छा प्रदर्शन नए अवसर खोल सकता है।
अनुभवी खिलाड़ियों की चुनौती
मोहम्मद शमी, हनुमा विहारी और अजिंक्य रहाणे जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी अपनी प्रासंगिकता साबित करने के लिए मैदान में उतरेंगे। शमी का आखिरी टेस्ट मैच 2023 में था, जबकि विहारी और रहाणे को भी अपने अनुभव के बल पर टीम में वापसी के लिए संघर्ष करना होगा। रहाणे के लिए यह संभवतः आखिरी रणजी ट्रॉफी होगी, और मुंबई के साथ खिताब जीतकर अपने करियर का शानदार समापन करना चाहेंगे।
खिताबी मुकाबला
मुंबई, विदर्भ, केरल, सौराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसी टीमें इस सीजन में खिताब जीतने की पूरी तैयारी कर रही हैं। गत विजेता विदर्भ और पिछले साल की उपविजेता केरल को चुनौती देने के लिए कई युवा और अनुभवी खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे। रणजी ट्रॉफी 2025-26 निश्चित रूप से युवा उभरते सितारों, अनुभवी खिलाड़ियों की वापसी और उच्च गुणवत्ता वाले क्रिकेट का संगम साबित होगी।
ग्रुप
एलीट ग्रुप में ग्रुप ए, बी, सी और डी में 32 टीमें होंगी, जबकि प्लेट ग्रुप में छह टीमें प्रतिस्पर्धा करेंगी। इस साल भी दो सफेद गेंद टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी - दो रणजी ट्रॉफी चरणों के बीच होंगे।
रणजी ट्रॉफी की शुरूआत और समापन
रणजी ट्रॉफी का पहला चरण ये मैच 15-18 अक्टूबर और 16-19 नवंबर के बीच खेले जाएंगे, उसके बाद टीमें सीमित ओवरों के मुकाबलों के लिए रवाना होंगी। खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण के लिए फिर से इकट्ठा होंगे, जो 22 जनवरी, 2026 से शुरू होगा और इसका समापन 24 फरवरी, 2026 को शुरू होने वाले फाइनल के साथ होगा।