सिडनी : भारतीय टीम ने शुक्रवार को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट में आमने सामने होना है। अगर टेस्ट भारतीय टीम ने गंवा दिया तो मुख्य कोच गौतम गंभीर पर गाज गिरना पक्की हो जाएगी। बीसीसीआई चयनकर्ता अजीत अगरकर इस समय मेलबर्न में ही है जोकि स्थितियों पर बराबर नजर बनाए हुए हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर फैसला लेने के अलावा अगरकर गंभीर के भविष्य पर भी फैसला ले सकते हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि एक टेस्ट मैच बचा है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी है। अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं होगी। चयन समिति के साथ गंभीर का समीकरण भी इस समय स्पष्ट नहीं है। टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो एकादश के साथ प्रयोग करने की उनकी प्रवृत्ति के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मौजूदा श्रृंखला में रेड्डी जैसे खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन शुभमन गिल से जुड़े फैसलों को लेकर अब भी बहस चल रही है।
बोर्ड अध्यक्ष की भूमिका भी संदिग्ध
बीसीसीआई सचिव जय शाह अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख बन गए हैं और बोर्ड को उनका पूर्णकालिक उत्तराधिकारी 12 जनवरी के बाद ही मिलेगा। एक बार प्रशासनिक स्थिरता आ जाने के बाद बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को कुछ सोचना होगा। जब तक शाह बीसीसीआई के प्रभारी थे तब तक वही फैसले करते थे। बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज रोजर बिन्नी को कोई नीति संबंधी फैसला लेते नहीं देखा गया है। लेकिन अगर फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा तो गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे।
क्या लक्ष्मण थे पहली पसंद
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि वह कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे (वीवीएस लक्ष्मण थे) और कुछ जाने-माने विदेशी नाम तीनों प्रारूप के कोच नहीं बनना चाहते थे इसलिए वह एक समझौता था। जाहिर है कुछ अन्य मजबूरियां भी थीं। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली हार के बाद गंभीर से पहले ही कुछ कठिन सवाल पूछे जा चुके हैं और अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी गई तो दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं। पहले से ही एक विचारधारा यह है कि गंभीर को केवल टी20 टीम की कमान सौंपी जानी चाहिए जो एक ऐसा प्रारूप जिसमें वह सफल कप्तान और फिर कोलकाता नाइट राइडर्स और लखनऊ सुपरजायंट्स दोनों के सफल मेंटर (मार्गदर्शक) रहे।
विराट की कमजोरी दूर क्यों नहीं की
एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वह विराट कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की तरफ लगातार आउट होने के मामले में कोई समाधान दे पाए हैं? हालात को देखते हुए, इसका जवाब ‘नहीं' ही लगता है। भारत के लिए 90 से अधिक टेस्ट खेलने वाले एक पूर्व दिग्गज ने कहा कि गौतम अपने पूरे जीवन में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए गेंद को स्लिप और गली की तरफ दबाते थे। इसलिए उन्हें पता है कि कोहली की समस्या क्या है। उन्होंने इसे एक खिलाड़ी (2014 में) और एक कमेंटेटर के रूप में और अब एक कोच के रूप में देखा है। उन्होंने कहा कि अगर उसे (गंभीर को) पता है कि क्या गलत है तो उसे (कोहली को) यह बताना चाहिए।
खास व्यक्ति पर भी नजर
बीसीसीआई के अधिकारी सहयोगी स्टाफ के एक प्रमुख सदस्य के बारे में कुछ अन्य घटनाक्रमों पर भी नजर रख रहे हैं जिसके साथ सभी स्थानों पर उसका निजी सहायक रहता है। ऐसा माना जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति को आईपीएल के दौरान मैदान पर जाने की सुविधा थी जहां वह मैच के बाद फ्रेंचाइजी जर्सी पहनकर प्रवेश करता था। एक शीर्ष सूत्र के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में बीसीसीआई सदस्यों को समर्पित बॉक्स में उसकी उपस्थिति को सराहा नहीं गया।