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स्पोर्ट्स डेस्क: दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वॉटसन का मानना है कि पृथ्वी शॉ को अपनी अद्भुत प्रतिभा के दम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर राज करना चाहिए था लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र में इस सलामी बल्लेबाज की विफलता टीम के लिए सबसे बड़ी निराशा रही। इस आईपीएल सत्र से पहले मुख्य कोच रिकी पोंटिंग ने उम्मीद जताई थी कि शॉ के लिए यह सत्र सबसे सफल होगा लेकिन यह प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज बुरी तरह विफल रहा है। शुरुआती छह मैचों के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया जिससे दिल्ली की बल्लेबाजी की समस्या और बढ़ गई। 

वॉटसन ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ टीम के आखिरी लीग मैच से पहले कहा, ‘‘इस सत्र में दिल्ली कैपिटल्स के सबसे निराशाजनक चीजों में से पृथ्वी शॉ एक रहे है। उनकी बल्लेबाजी देखने में शानदार लगती है। वह अपने कौशल से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना आसानी से कर सकते है। शॉ की प्रतिभा को देखते हुए हमने उन्हें सत्र के शुरूआती मैचों में ज्यादा मौके दिए। पिछले कुछ सत्र में उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी रही है।"

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इस 23 साल के बल्लेबाज ने हालांकि टीम के पिछले मुकाबले में पंजाब किंग्स के खिलाफ अर्धशतक जड़कर वापसी का जश्न मनाया। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मैचों में बाहर बैठने के बाद उसने अपना पूरा ध्यान खेल पर लगाया। उसके पास बल्ले से कमाल का कौशल है। उसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर राज करना चाहिये था। लेकिन कई बार लोगों को निरंतरता हासिल करने में समय लगता है। '' 

वॉटसन ने कहा कि कोटला मैदान की पिच उनकी टीम के बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में पिचें हमारे लिए अच्छी नहीं रही हैं। यह पिचें उस तरह की टीमों के लिए है जिसके शीर्ष क्रम में बहुत सारे भारतीय बल्लेबाज है। हमारी टीम के साथ ऐसा नहीं है।'' 

वॉटसन ने आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से शानदार प्रदर्शन किया है और उनसे जब इस फ्रेंचाइजी की सफलता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ महेंद्र सिंह धोनी और स्टीफन फ्लेमिंग के साथ टीम के नेतृत्व को लगातार बनाए रखने से उस टीम में शांति का माहौल है। चेन्नई टीम में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं करता है। उनके पास  बहुत ही व्यवस्थित टीम है, वे खिलाड़ी वास्तव में समझते हैं कि उनकी भूमिका क्या है।''