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न्यूयॉर्क : भारतीय क्रिकेट के दुर्लभ नगीनों में शुमार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का कहना है कि उन्हें यह बात बड़ी हास्यास्पद लगती है कि एक साल पहले तक लोग उनके करियर के खत्म होने की बातें कर रहे थे और अब उन्हें सर्वश्रेष्ठ बुलाते हैं। बुमराह ने 2022 में पीठ के निचले हिस्से में ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर' के लिए सर्जरी करायी थी जिसके कारण वह आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप में नहीं खेल पाये थे। 

घरेलू सरजमीं पर श्रृंखला में वापसी करने से पहले उन्हें खिंचाव आ गया जिससे वह 10 से ज्यादा महीनों के लिए क्रिकेट से बाहर हो गये। लोग उनके तीनों प्रारूपों में खेलने के कार्यभार से निपटने की काबिलियत पर सवाल उठाने लगे। लेकिन बुमराह ने पिछले एक साल में तीनों प्रारूपों में मिलाकर 67 विकेट झटककर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया जिसमें रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ कम स्कोर वाले टी20 विश्व कप मुकाबले में 14 रन देकर तीन विकेट चटकाने वाला मैच विजयी प्रदर्शन भी शामिल है। 

बुमराह ने वापसी करने की उनकी काबिलियत पर शक करने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘एक साल पहले तक ये ही लोग कह रहे थे कि मैं शायद फिर दोबारा नहीं खेल पाऊंगा और मेरा करियर खत्म हो गया है। लेकिन अब यह सवाल बदल गया है।' भारत ने महज 119 रन पर सिमटने के बाद बुमराह के शानदार प्रदर्शन के बूते पाकिस्तान को सात विकेट पर 113 रन के स्कोर पर रोक दिया। 

बुमराह आलोचकों की ‘अदलू बदलू' प्रकृति को बखूबी समझते हैं और जानते हैं कि उनके लिए सर्वश्रेष्ठ यही है कि वह खुद के नियंत्रण वाली चीजों पर काम करें। उन्होंने कहा, ‘मैं मैच में इस चीज पर ध्यान नहीं देता कि मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से गेंदबाजी कर रहा हूं या नहीं, बल्कि मैं मैच में मौजूद समस्या का निदान करने की कोशिश करता हूं। मैं जानता हूं कि यह घिसा पिटा जवाब है। लेकिन मैं इसी पर फोकस करने की कोशिश कर रहा था कि इस तरह के विकेट पर यहां सर्वश्रेष्ठ विकल्प क्या है।' 

बुमराह ने कहा, ‘मैं शॉट लगाना कितना मुश्किल बना देता हूं? मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प क्या हैं? इस तरह मैं वर्तमान में रहने की कोशिश करता हूं कि और मुझे क्या करना है, इस पर फोकस करता हूं।' इस तरह के भावनाओं से भरे बड़े मुकाबले में बाहर का शोर दबाव बना सकता है लेकिन बुमराह इन सब की अनदेखी कर इससे निपटने में सफल रहते हैं, उन्होंने कहा, ‘अगर मैं बाहर का शोर देखूंगा, लोगों को देखूंगा तो दबाव और भावनाएं हावी हो जाएंगी। फिर मेरे लिए चीजें काम नहीं करेंगी।' 

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 17 पिछले महीने ही खत्म हुआ है और टी20 विश्व कप खेलने आई भारतीय गेंदबाजी इकाई इसके कारण थकी नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, ‘आईपीएल हालांकि गेंदबाजों के मुफीद नहीं था लेकिन हम खुश हैं कि हम थकान के साथ यहां नहीं आये हैं और हमें जब भी यहां मदद मिल रही है तो हम इसका इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।' 

कम स्कोर वाले मैचों में अकसर तेज गेंदबाज अलग तरह की गेंद जैसे यॉर्कर या बाउंसर आजमाने की कोशिश करते हैं लेकिन बुमराह का कहना है कि किसी को भी इनकी अति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर हम जादुई गेंद डालने के लिए बेताब होने की कोशिश करेंगे तो रन बनाना आसान हो जायेगा और कम स्कोर को देखते हुए हमें परिस्थितियों देखकर इनकी अति नहीं करनी चाहिए।' 

बुमराह ने कहा, ‘जब भी मदद मिलती है तो आप अति उत्साही हो सकते हो। आप बल्लेबाज को लुभाने के लिए बाउंसर, आउट स्विंगर, इन स्विंगर डाल सकते हो। लेकिन आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। मैंने यही सीखा है।' उन्होंने कहा, ‘इस मैच में ऐसा ज्यादा नहीं हो रहा था। हमने दबाव जरूर बनाया था। थोड़ा ‘लेटरल मूवमेंट' था लेकिन पिछले मैच की तरह इतना ज्यादा नहीं था।'