मुंबई : भारत का विश्वकप जीतने का सपना टूट गया है और इसके लिए भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस को जिम्मेदार मानते हैं। अपने नवीनतम यूट्यूब वीडियो ‘विश्व कप 2023: ए रिफ्लेक्शन' में अश्विन ने फाइनल मुकाबले में पैट कमिंस की प्रतिभा का विश्लेषण किया और उनके जादू को ‘गेम-ब्रेकिंग' घटना के रूप में संदर्भित किया। टॉस जीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा। यह निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। कमिंस ने अपने कोटे के पूरे 10 ओवर फेंके और सिफर् 34 रन दिए। उन्होंने श्रेयस अय्यर (4) और इन-फॉर्म विराट कोहली (54) के दो बड़े विकेट भी लिए।
आईसीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने 10 ओवर पूरे करने वाले सभी गेंदबाजों में कमिंस ने 3.40 के स्ट्राइक रेट पर सबसे किफायती स्पैल फेंका जिसके बाद एडम जम्पा (4.40), मिशेल स्टार्क (5.50) और जोश हेजलवुड (6.00) थे। अश्विन ने कमिंस के मास्टरमाइंड की गहराई से पड़ताल की और बताया कि क्यों भारतीय बल्लेबाजों को उनका सामना करना चुनौतीपूर्ण लगता था।
अश्विन ने कहा कि एकदिवसीय गेंदबाज के रूप में पैट कमिंस विश्व कप में काफी समय से संघर्ष कर रहे थे लेकिन फाइनल तक पहुंचने वाले पिछले 4-5 मैचों में उनकी करीब 50 फीसदी गेंदें कटर थीं। फाइनल में, मुझे नहीं पता कि कितने लोगों ने टीवी पर इसे समझा मगर एक ऑफ स्पिनर की तरह उन्होंने गेंदबाजी के दौरान ऑफ साइड पर 4 और लेग साइड पर 5 क्षेत्ररक्षक रखे और अपने पूरे 10 ओवर बिना मिड-ऑफ के फेंके।
अश्विन ने जोर देकर कहा कि कमिंस ने पूरे 10 ओवर के स्पैल में स्टंप लाइन की ओर छह मीटर के दायरे में केवल 3 गेंदें फेंकी। उनकी स्टंप लाइन पर 5 क्षेत्ररक्षक स्क्वायर लेग, मिडविकेट, डीप स्क्वायर लेग, मिड-ऑन और लॉन्ग लेग पर थे। गौरतलब है कि भारत को 240 रन पर आउट करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने ट्रेविस हेड के प्लेयर ऑफ द मैच 137 रन और मार्नस लाबुशेन के नाबाद 58 रन की बदौलत 43 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया था।