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लाहौर : विश्व कप में लगातार हार के बाद पाकिस्तानी महिला क्रिकेट टीम आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। मंगलवार को कोलंबो में खेले गए मुकाबले में पाकिस्तान को दक्षिण अफ्रीका के हाथों 150 रनों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। यह हार टीम के लिए केवल एक मैच नहीं, बल्कि आत्ममंथन का समय बन गई है। 

लगातार हार से डगमगाया आत्मविश्वास

पाकिस्तानी टीम अभी अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर है। अब तक टीम को बांग्लादेश, भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से हार मिली है, जबकि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच बारिश के कारण अधूरे रहे। इस खराब प्रदर्शन ने खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बुरी तरह झकझोर दिया है। पूर्व कप्तान जावेरिया खान ने कहा, “बल्लेबाजों ने निराश किया है। हमारे खिलाड़ियों में अन्य टीमों जैसी ताकत और कौशल की कमी है। बांग्लादेश से मिली पहली हार ने पूरे टूर्नामेंट में टीम का मनोबल गिरा दिया।”

बल्लेबाजी पर सवाल, गेंदबाजों ने किया संघर्ष

जहां बल्लेबाजों ने उम्मीदें तोड़ीं, वहीं गेंदबाजों ने कई मौकों पर टीम को मैच में बनाए रखने की कोशिश की। जावेरिया ने कहा कि गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया, भारत और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन उन्हें बल्लेबाजों का साथ नहीं मिला। 

घरेलू ढांचे की कमी, नई प्रतिभाएं नहीं मिल रहीं

पूर्व तेज गेंदबाज और कोच कबीर खान ने टीम के कमजोर प्रदर्शन की जड़ में घरेलू क्रिकेट ढांचे की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “हमारे पास नई प्रतिभाएं नहीं आ रहीं क्योंकि हमारा घरेलू सिस्टम बहुत कमजोर है। हमें जूनियर स्तर से शुरुआत करनी होगी। पाकिस्तान में बहुत सी लड़कियां क्रिकेट खेलना चाहती हैं, लेकिन उन्हें मंच नहीं मिलता।” कबीर का मानना है कि अगर पाकिस्तान को भविष्य में मजबूत महिला टीम बनानी है तो उसे घरेलू टूर्नामेंट्स और प्रशिक्षण सुविधाओं पर बड़ा निवेश करना होगा। 

बोर्ड ने बुलाई समीक्षा बैठक

खबरों के अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने टीम के खराब प्रदर्शन पर सलाहकार पैनल से समीक्षा रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, अगर सुधार नहीं हुआ तो टीम मैनेजमेंट में बदलाव भी हो सकता है। 

सोशल मीडिया पर भी उठी नाराजगी

पाकिस्तान में क्रिकेट फैंस ने सोशल मीडिया पर महिला क्रिकेट की उपेक्षा को लेकर नाराजगी जताई है। एक यूजर ने ‘X’ पर लिखा, “जब पुरुष टीम हारती है तो पूरे देश में तूफान मच जाता है, लेकिन महिला टीम की हार पर कोई ध्यान नहीं देता। बोर्ड को महिला क्रिकेट को भी उतनी ही गंभीरता से लेना चाहिए।” 

क्रिकेट अनुभवहीन अधिकारी पर उठे सवाल

महिला क्रिकेट विंग की प्रमुख राफिया हैदर, जो लाहौर की पूर्व डिप्टी कमिश्नर रह चुकी हैं, अब आलोचना के घेरे में हैं क्योंकि उन्हें क्रिकेट का कोई व्यावहारिक अनुभव नहीं है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिकेट की समझ रखने वाले लोगों को महिला क्रिकेट के प्रशासन में शामिल किया जाना चाहिए।