नई दिल्ली : न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। भारतीय क्रिकेट फैंस गुप्टिल को 2019 क्रिकेट विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी को रन आऊट करने के चलते ज्यादा जानते हैं। लेकिन न्यूजीलैंड के इस बल्लेबाज ने अपने लंबे करियर में ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए हैं जोकि टूटने बेहद मुश्किल हैं। न्यूजीलैंड के बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक गुप्टिल ने लंबे समय तक न्यूजीलैंड के लिए सलामी बल्लेबाजी की है। आइए जानते हैं उनके रिकॉर्ड-
गुप्टिल के रिकॉर्ड
- गुप्टिल ने 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो शतक लगाए थे। तीन मैचों की सीरीज में वह नाबाद रहे थे। उन्होंने कुल 330 रन बनाए। यह तब तीन मैचों की सीरीज में सर्वाधिक रनों का विश्व रिकॉर्ड था।
- गुप्टिल वनडे में दोहरा शतक बनाने वाले न्यूजीलैंड के पहले और कुल मिलाकर 5वें खिलाड़ी थे। उनका नाबाद 237 रन विश्व कप क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर और वनडे में दूसरा सर्वोच्च स्कोर है।
- गुप्टिल सलामी बल्लेबाज के तौर पर वनडे में सर्वाधिक रन (237*) बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
- गुप्टिल नवंबर 2015 में एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद का सामना करने वाले पहले व्यक्ति थे। वह डे-नाइट टेस्ट में आउट होने वाले पहले व्यक्ति थे।
- गुप्टिल ने न्यूजीलैंड के लिए महज 17 गेंदों में सबसे तेज वनडे अर्धशतक बनाया।
- गुप्टिल के तीन वनडे स्कोर 180 से अधिक हैं, जो न्यूजीलैंड के किसी भी क्रिकेटर द्वारा सर्वाधिक हैं
- जनवरी 2018 में गुप्टिल अन्य नौ पूर्ण सदस्य टेस्ट खेलने वाले देशों में से प्रत्येक के खिलाफ शतक बनाने वाले न्यूजीलैंड के दूसरे और कुल मिलाकर 9वें खिलाड़ी बन गए।
- फरवरी 2019 तक गुप्टिल टी20 क्रिकेट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। रोहित शर्मा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ा।
- अप्रैल 2021 तक गुप्टिल ने ईडन पार्क क्रिकेट स्टेडियम में 600 से अधिक टी20 रन बनाए हैं। वह एक ही स्थान पर 500 और 600 से अधिक टी20 रन बनाने वाले पहले और एकमात्र क्रिकेटर हैं।
गुप्टिल ने अपने बयान में कहा
गुप्टिल ने अब इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। न्यूजीलैंड क्रिकेट के एक बयान में गुप्टिल ने कहा कि एक छोटे बच्चे के रूप में न्यूजीलैंड के लिए खेलना हमेशा मेरा सपना था और मैं अपने देश के लिए 367 मैच खेलकर अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस करता हूं। मैं हमेशा उन यादों को संजोकर रखूंगा जो मैंने उन शानदार लोगों के साथ सिल्वर फर्न पहनकर बनाई थीं। मैं अपने सभी साथियों और कोचिंग स्टाफ को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहता हूं, खासकर मार्क ओ'डॉनेल को जिन्होंने अंडर 19 स्तर से मुझे कोचिंग दी है और मेरे करियर में निरंतर समर्थन और ज्ञान का स्रोत रहे हैं।
Martin Guptill के दाएं पैर में हैं सिर्फ 2 ऊंगलियां
गुप्टिल बचपन में ऐसे दौर से गुजरे हैं, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। 30 सितंबर 1986 को जन्मे मार्टिन जब महज 13 साल के थे, तब उनका पैर एक फोर्कलिफ्ट के नीचे गिर गया था, जिसके कारण उनके बाएं पैर की तीन उंगलियां गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। डॉक्टरों ने अंगुलियों को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन जान को खतरा देख अंगुलियां काटनी पड़ीं। जैसे ही ये चलता तो मार्टिन गप्टिल को दौड़ने में परेशानी होती। जब वह अपनी परिस्थितियों से हतोत्साहित हो जाता था, तो परिवार उसे प्रोत्साहित करता था। इसके चलते वह हालात से जूझने लगे।
'मार्टी टू टोज' भी है नाम
मार्टिन गुप्टिल को 'मार्टी टू टोज' उपनाम से भी जाना जाता है। जब मार्टिन अस्पताल में थे, उनके पिता पीटर न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग को वहां ले जाने में कामयाब रहे। इससे गुप्टिल को परिस्थितियों के बावजूद सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बनने की प्रेरणा मिली। गुप्टिल न्यूजीलैंड के पहले क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में अपने डेब्यू मैच में शतक लगाया है। उन्होंने अपने पहले वनडे मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 122 रन की पारी खेली थी। धीरे-धीरे मार्टिन गुप्टिल को बाएं पैर में केवल 2 उंगलियां होने के बावजूद तेज दौड़ने की आदत हो गई। इससे उन्हें कोई खास दिक्कत नहीं हुई। गुप्टिल का नाम इस समय दुनिया के सबसे तेज क्रिकेटरों में गिना जाता है।