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नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि मैदान पर अनुशासित प्रदर्शन करने के लिए मैदान के बाहर अनुशासित जीवन जीना महत्वपूर्ण है और वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान युवा खिलाड़ियों को अच्छा क्रिकेटर बनाने के साथ अच्छा इंसान बनाना भी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। 

दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच पोंटिंग ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘आप जितना अच्छा इंसान होंगे आपको उतना बेहतर खिलाड़ी बनने में आसानी होगी। अगर आपकी निजी जिंदगी व्यवस्थित नहीं है तो वास्तव में आपके लिए मैदान पर अनुशासित प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनना मुश्किल होगा।' नब्बे के दशक के आखिरी बरसों से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट ढांचे का अहम अंग रहे पोंटिंग जानते हैं की आईपीएल में एक अच्छी पारी खेलने से भारत के युवा खिलाड़ियों का ध्यान किस तरह से भटक सकता है। 

पोंटिंग ने कहा, ‘यह हमारे देश से काफी भिन्न है और आईपीएल में कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिलता है जो हो सकता है कि उसके लिए तैयार ना हो। मेरे कहने का मतलब है भले ही वे क्रिकेट के लिए तैयार हों लेकिन उससे जुड़ी अन्य चीजों के लिए तैयार न हों। जब मैं अपने करियर पर गौर करता हूं तो मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था।' उन्होंने कहा, ‘अंतर सिर्फ इतना था कि मेरे पर लोगों का इतना ध्यान नहीं था जितना कि भारत के युवा खिलाड़ियों पर रहता है। इनमें से कई खिलाड़ियों के लिए आईपीएल वास्तविक दुनिया नहीं है और यहां कई अन्य चीजें भी होती हैं। मेरा काम उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाना है लेकिन इसके साथ ही उन्हें अच्छा इंसान बनाना भी मेरा काम है।'