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पुणे : भारतीय बैडमिंटन के शुरूआती दौर के सुपरस्टार में से एक नंदू नाटेकर का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। नाटेकर जब कोर्ट पर खेलते थे तो उनकी तुलना अक्सर किसी बैले नर्तक से की जाती थी। अपने कैरियर में उन्होंने 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते। उनके परिवार में पूर्व डेविस कप खिलाड़ी बेटा गौरव और 2 बेटियां हैं।

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गौरव ने बताया कि उनका घर में निधन हुआ और हम सभी उनके साथ थे। वह पिछले तीन महीने से बीमार थे। वह 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाडिय़ों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे नाटेकर को 1961 में पहले अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। छह बार के राष्ट्रीय एकल चैम्पियन नाटेकर ने 20 वर्ष की उम्र में भारत के लिए खेलना शुरू किया। नाटेकर परिवार ने बयान में कहा कि बेहद दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे पिता नंदू नाटेकर का 28 जुलाई 2021 को निधन हो गया।

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बयान के अनुसार- कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए हम शोक सभा का आयोजन नहीं करेंगे। कृपया अपने विचारों और प्रार्थना में उन्हें याद रखें। नाटेकर ने 15 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान 1954 में प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और 1956 में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थॉमस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने 16 में से 12 एकल और 16 में से 8 युगल मुकाबले जीते थे।

नाटेकर ने मीना शाह के साथ 1962 में बैंकाक में किंग्स कप अंतरराष्ट्रीय मिश्रित युगल खिताब जीता। उन्होंने एक साल बाद एकल खिताब भी अपने नाम किया। उन्होंने जमैका में 1965 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह 1954 आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। नाटेकर महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ में 1990 से 1994 तक अध्यक्ष रहे।