गुवाहाटी : दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने महिला क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार पारियों में से एक खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 169 रन की धुआंधार पारी खेली। 26 वर्षीय वोल्वार्ड्ट महिला विश्व कप के नॉकआउट मैच में शतक लगाने वाली पहली कप्तान बन गईं। उनकी इस ऐतिहासिक पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने बरसापारा स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में 7 विकेट पर 319 रन बनाए और फाइनल में पहुंचने की अपनी दावेदारी को मज़बूत किया।
रिकॉर्ड तोड़ पारी ने रचा नया इतिहास
वोल्वार्ड्ट की 169 रन की पारी ने महिला विश्व कप के नॉकआउट चरण में खेले गए सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोरों की सूची में जगह बनाई। इससे पहले यह उपलब्धि भारत की हरमनप्रीत कौर (171 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2017) और ऑस्ट्रेलिया की एलिसा हीली (170 बनाम इंग्लैंड, 2022) के नाम रही है। लौरा अब दक्षिण अफ्रीका की पहली ऐसी बल्लेबाज बन गई हैं जिन्होंने विश्व कप में 1,000 से अधिक रन बनाए हैं। इसके अलावा, वह भारत में जारी टूर्नामेंट में 400 रन पार करने वाली पहली खिलाड़ी भी बनीं।
महिला विश्व कप नॉकआउट मैचों में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर
हरमनप्रीत कौर - भारत - 171 बनाम ऑस्ट्रेलिया - डर्बी - 2017
एलिसा हीली - ऑस्ट्रेलिया - 170 बनाम इंग्लैंड - क्राइस्टचर्च - 2022
लौरा वोल्वार्ड्ट - दक्षिण अफ्रीका - 169 बनाम इंग्लैंड - गुवाहाटी - 2025
नैट साइवर-ब्रंट - इंग्लैंड - 148 बनाम ऑस्ट्रेलिया - क्राइस्टचर्च - 2022
एलिसा हीली - ऑस्ट्रेलिया - 129 बनाम वेस्टइंडीज - वेलिंगटन - 2022
ओपनिंग साझेदारी ने दी मजबूत शुरुआत
दक्षिण अफ्रीका की पारी की नींव लौरा वोल्वार्ड्ट और टैज़मिन ब्रिट्स की शानदार ओपनिंग साझेदारी ने रखी। दोनों ने मिलकर 116 रन की पार्टनरशिप की, जिसने टीम को ठोस शुरुआत दी। टैजमिन ने 45 रन का योगदान दिया, जबकि लौरा ने पारी को स्थिरता और आक्रामकता दोनों के साथ आगे बढ़ाया। हालांकि इंग्लैंड की स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन ने ब्रिट्स को आउट करके मैच में वापसी कराई, लेकिन तब तक दक्षिण अफ्रीका मजबूत स्थिति में पहुंच चुका था।
मिडिल ऑर्डर की जूझती पारी
टॉप ऑर्डर की अच्छी शुरुआत के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका का मिडिल ऑर्डर थोड़ी देर के लिए लड़खड़ा गया। एनेके बॉश और सुने लूस जल्दी आउट हो गईं, जिससे टीम पर दबाव बढ़ा। हालांकि लौरा ने एक बार फिर अपनी जिम्मेदारी निभाई और मैरिजेन कैप के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 72 रन की अहम साझेदारी की। एक्लेस्टोन ने फिर से कैप को आउट कर इंग्लैंड की उम्मीदें जगाईं, लेकिन वोल्वार्ड्ट की अडिग बल्लेबाजी ने सब कुछ संतुलित रखा।
क्लो ट्रायोन का तूफानी कैमियो
जब ऐसा लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका 280–290 के बीच रुक जाएगा, तब क्लो ट्रायोन ने अंत में आकर तेज़तर्रार पारी खेली। उन्होंने 26 गेंदों में 33 रन बनाकर स्कोर को 300 के पार पहुंचाया। ट्रायोन की आक्रामक बल्लेबाज़ी ने वोल्वार्ड्ट को खुलकर खेलने का मौका दिया, और दोनों ने मिलकर इंग्लैंड के गेंदबाज़ों पर दबाव बनाए रखा।
डेथ ओवर्स में लौरा का विस्फोटक रूप
वोल्वार्ड्ट ने 115 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जिसके बाद उन्होंने गियर बदलते हुए अगले 69 रन सिर्फ 28 गेंदों में बना डाले। उन्होंने अपनी पारी में 20 चौके और चार छक्के लगाए, जिनमें से कई सीधे दर्शकों के बीच जाकर गिरे। 47वें ओवर में, उन्होंने लिन्से स्मिथ की गेंदों पर लगातार एक छक्का और तीन चौके जड़े, जिससे स्टेडियम में उत्साह चरम पर पहुंच गया। हालांकि वह 48वें ओवर की आखिरी गेंद पर लॉरेन बेल की गेंद पर आउट हो गईं, लेकिन तब तक वह दक्षिण अफ्रीका को फाइनल की दहलीज़ पर पहुंचा चुकी थीं।
हार से उबरकर मजबूत वापसी
यह प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका की शानदार वापसी थी। कुछ दिन पहले ही टीम इंदौर में डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ 97 रन पर ऑल आउट हो गई थी। लेकिन सेमीफाइनल में वोल्वार्ड्ट ने साबित कर दिया कि असली चैंपियन वही होता है जो दबाव में भी खड़ा रह सके।