स्पोर्ट्स डेस्क : अंतरराष्ट्रीय स्तर की कराटे खिलाड़ी हरदीप कौर अपने अस्तित्व के लिए धान के खेतों में काम कर रही हैं। उनकी आमदनी महज 300 रुपए प्रति दिन है। पंजाब के मनसा जिले के गुरनेकलां गांव की रहने वाली 23 वर्षीय हरदीप ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में 20 से अधिक पदक जीते हैं।
एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान कहा कि उसने कभी कल्पना नहीं की थी कि उसे एक दिन खेत मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा। हरदीप ने कहा, हम एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हमारे पास जमीन नहीं है और मजदूरों के रूप में काम करना पड़ता है। मैं धान के खेतों में काम करके 300 रुपए से 350 रुपए के बीच कमाती हूं। मुझे अपने परिवार की सहायता के लिए खेतों में काम करना पड़ता है।
हरदीप कौर के पिता नायब सिंह (55) और मां सुखविंदर कौर (45) भी धान के खेत में काम करते हैं। हरदीप कौर फिलहाल पटियाला से फिजिकल एजुकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कर रही हैं। उन्होंने कहा,मैं पटियाला में डीपीईडी की पढ़ाई कर रही हूं और अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने और माता-पिता की सहायता के लिए घरेलू काम करती हूं और अब धान के खेतों में श्रम का काम करती हूं।
हरदीप ने उन दिनों को याद किया जब 2018 में मलेशिया में स्वर्ण पदक जीता था और उन्हें सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा, पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी ने उनसे मुलाकात की और सरकारी नौकरी की घोषणा की। तीन साल बीत चुके हैं और वादा अधूरा है।
नवोदित एथलीट नौकरी के सिलसिले में 4 बार चंडीगढ़ भी जा चुकी हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हरदीप कौर ने कहा, उन्होंने मुझे चंडीगढ़ में अपने कार्यालय में बुलाया और मुझे सरकारी नौकरी देने का वादा किया। मुझे एक आवेदन जमा करने के लिए भी कहा गया था, लेकिन उसके बाद मुझे किसी भी सरकारी कार्यालय द्वारा कभी नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा, एक चैंपियन कराटे खिलाड़ी जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया, अब उसे गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।