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ढाका : धीमी शुरुआत के बाद अपनी लय हासिल करने वाली मौजूदा चैंपियन भारतीय टीम शुक्रवार को यहां चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ एशियाई चैंपियन्स ट्राफी पुरुष हॉकी टूनामेंट में अपने तीसरे राउंड रोबिन मैच में भी प्रयोग करना जारी रखेगी। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत टूर्नामेंट की अच्छी शुरुआत नहीं कर पाया था। उसने पहले मैच में कोरिया को वापसी का मौका दिया और आखिर में यह मैच 2-2 ड्रा छूटा। 

कोरिया के प्रदर्शन से चकित भारतीय टीम बुधवार को बांग्लादेश के खिलाफ पूरी तरह से बदली हुई नजर आई और उसने एकतरफा मुकाबले में 9-0 से जीत दर्ज की। स्ट्राइकर दिलप्रीत सिंह ने मैदानी गोल से हैट्रिक जमाई जबकि जरमनप्रीत सिंह ने भी दो गोल किए। इस मैच में भी ग्राहम रीड की कोचिंग वाली भारतीय टीम ने पेनल्टी कार्नर में उप कप्तान हरमनप्रीत सिंह और वरुण कुमार की सीधी फ्लिक के बजाय अलग अलग तरीके (वैरीएशन) आजमाकर प्रयोग किए थे। बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम ने शुरू से आखिर तक दबदबा बनाये रखा तथा पाकिस्तान के खिलाफ भी वह ऐसा ही प्रदर्शन जारी रखने की कोशिश करेगी। 

हरमनप्रीत की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति ने अच्छा खेल दिखाया जबकि कप्तान मनप्रीत सिंह ने मध्यपंक्ति में अहम भूमिका निभायी है। अग्रिम पंक्ति ने भी टूर्नामेंट में अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। ललित उपाध्याय ने तीन गोल किये हैं जबकि तोक्यो ओलंपिक की टीम में जगह नहीं बना पाने वाले आकाशदीप सिंह ने भी बुधवार को एक गोल दागा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत शुक्रवार को सहज होकर खेल सकता है और वह भी पाकिस्तान के खिलाफ जिसका हॉकी में शानदार रिकार्ड रहा है हालांकि पिछले कुछ वर्षों से उसके खेल में गिरावट आई है। 

पाकिस्तान ने ओलंपिक में तीन स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं और तोक्यो ओलंपिक के क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद वह विश्व हॉकी में अपने पैर जमाने के लिए बेताब होगा। मस्कट में एशियाई चैंपियन्स ट्राफी 2018 में फाइनल बारिश की भेंट चढ़ जाने के कारण भारत और पाकिस्तान को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। रिकार्ड को देखकर पाकिस्तान का पलड़ा भारी लगता है लेकिन वर्तमान फॉर्म पर गौर करें तो भारत जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा। भारत और पाकिस्तान ने पहले सात एशियाई खेलों के हॉकी फाइनल में एक-दूसरे का सामना किया था। 

एशियाई खेलों में उन्होंने एक दूसरे के खिलाफ कुल नौ फाइनल खेले हैं जिसमें पाकिस्तान ने सात और भारत ने दो स्वर्ण पदक जीते। दोनों देशों ने 1956 से 1964 तक लगातार तीन ओलंपिक फाइनल में जगह बनाई थी। इनमें से भारत ने दो जबकि पाकिस्तान ने एक बार जीत दर्ज की थी। पिछली बार इन दोनों टीमों के बीच मुकाबला एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी के लीग चरण में हुआ था जहां भारत ने 3-1 से जीत हासिल की थी। भारत शुक्रवार को जीत से पांच देशों के इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भी जगह सुरक्षित कर देगा। भारत अभी चार अंक लेकर तालिका में शीर्ष पर है। पाकिस्तान ने जापान के खिलाफ गोलरहित ड्रा खेला था और वह चौथे स्थान पर है।