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बेंगलुरू : न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लाथम ने अपनी टीम को याद दिलाया कि पहला मैच जीतने के बाद जश्न के बीच दूसरे टेस्ट पर अपना ध्यान ना भटकने दे, क्योंकि भारत के पास जवाबी हमला करने की ताकत है। न्यूजीलैंड टीम ने रविवार को यहां पहले टेस्ट में भारत को 8 विकेट से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है, लेकिन अब उन्हें 24 अक्टूबर से पुणे में शुरू होने वाले दूसरे मैच की तैयारी करनी होगी। न्यूजीलैंड की यह भारत में सिर्फ तीसरी टेस्ट जीत है। टीम को इस प्रारूप की तीसरी जीत के लिए लगभग 36 साल का इंतजार करना पड़ा। आखिरी बार न्यूजीलैंड ने भारत को 1988 में जॉन राइट की कप्तानी में वानखेड़े स्टेडियम पर 136 रन से हराया था।

 

 


लाथम ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुझे लगता है कि 36 साल बाद हमने यहां जीत हासिल की है। इस स्थिति में होना वास्तव में एक विशेष एहसास है। यह इस टीम के लिए गर्व का क्षण है और हम इसका जश्न मनाएंगे। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से जानते हैं कि यह भारत के खिलाफ (दूसरे टेस्ट में) एक चुनौती होगी, जिनके पास जाहिर तौर पर पूरी वापसी की दमदार क्षमता है। लाथम ने बेंगलुरु टेस्ट के दौरान भारत पर दबाव बनाए रखने के लिए विलियम ओ‘ राउरकी, मैट हेनरी और टिम साउथी की अपनी तेज गेंदबाजों की तिकड़ी को श्रेय दिया।

 

उन्होंने कहा कि जब टिम और रचिन क्रीज पर थे तब मैच थोड़ा संतुलित था। मुझे लगता है कि उन्होंने 137 रन बनाए। यह हमारे लिए बहुत बड़ा था। मुझे लगता है कि अगर आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक दिन पहले हमसे कहा होता कि हम 5वें दिन 100 रन के आसपास का लक्ष्य हासिल करेंगे तो हमें इसकी खुशी होती।


ऐसा रहा मैच
पहला टेस्ट 8 विकेट से जीतकर न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद भारतीय सरजमीं पर पारंपरिक प्रारूप में सफलता का स्वाद चखा। आखिरी बार न्यूजीलैंड ने भारत को 1988 में जॉन राइट की कप्तानी में वानखेड़े स्टेडियम पर 136 रन से हराया था। जीत के लिए 107 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड ने शुरूआती झटकों के बाद कोई कोताही नहीं बरती। विल यंग 48 रन बनाकर और रचिन रविंद्र 39 रन बनाकर नाबाद रहे। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 75 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को 3 मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त दिला दी।