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स्पोर्ट्स डेस्क: टीम इंडिया के लिए गेंदबाजो की फिटनेस एक सिरदर्द रही है। गेंदबाजो के कार्यभार को नियंत्रित किया जा रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में केवल मोहम्मद सिराज ही चोट से मुक्त रह पाए जबकि अन्य गेंदबाजो को संघर्ष करना पड़ा। गेंदबाजो की गति भी कम हुई। अब टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने सुझाव दिया है कि खिलाड़ियो की ब्रोंको टेस्ट जांच हो जिससे तेज गेंदबाज जिम आधारित अभ्यासो से अपना ध्यान हटाकर खुले में दौड़े और टेस्ट पास कर फिटनेस साबित करें। 

सूत्रो ने बताया, 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ब्रोंको टेस्ट शुरू किया गया है। भारत के कुछ अनुबंधित खिलाड़ी बेंगलुरु आकर यह टेस्ट दे चुके है। ब्रोंको टेस्ट का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि फिटनेस के मानक स्पष्ट हो। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि भारतीय क्रिकेटर खासकर तेज गेंदबाज पर्याप्त दौड़ नही रहे थे और जिम में बहुत ज्यादा समय बिता रहे थे। खिलाड़ियो को बताया गया है कि उन्हें ज्यादा दौड़ना होगा।'

एक खिलाड़ी ब्रोंको टेस्ट पूरा करने में अधिकतम छह मिनट का समय ले सकता है। रग्बी केंद्रित ब्रोंको टेस्ट में 20 मीटर शटल रन, उसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर की दौड़ शामिल होती है। इस तरह एक सेट पूरा होता है। ऐसे पांच सेट के दौरान खिलाड़ी को ब्रेक नही दिया जाता। अगर समय छह मिनट से कम है तो खिलाड़ी पास हो जाता है।

इसके अलावा, तेज गेंदबाजो को 2 किलोमीटर का ट्रायल आठ मिनट 15 सेकंड से कम समय में पूरा करना होगा। बल्लेबाजो, विकेटकीपरो और स्पिनरो के लिए इसे 15 सेकंड बढ़ा दिया गया है।