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स्पोर्ट्स डेस्क: भारत और वेस्टइंडीज की आगामी टेस्ट सीरीज को सिर्फ अंकतालिका में स्थिति सुधारने तक सीमित नहीं देखा जा रहा है। टीम इंडिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों के संन्यास के बाद यह युवा और मध्यवर्ती खिलाड़ी शुभमन गिल, ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में ध्रुव जुरेल, और रवींद्र जडेजा की उप-कप्तानी के लिए अपने कौशल और मानसिक मजबूती साबित करने का सुनहरा मौका है।

भारतीय बल्लेबाजी: भारत के पास मजबूत बल्लेबाजी क्रम है। शुभमन गिल का इंग्लैंड दौरे का प्रदर्शन, ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में ध्रुव जुरेल की जिम्मेदारी, और रवींद्र जडेजा, हार्दिक पंड्या जैसे ऑलराउंडर मध्यक्रम में संतुलन बनाएंगे। युवा खिलाड़ियों के लिए यह चुनौती भी है कि वे दबाव में ठोस रन बनाए और अनुभवी खिलाड़ियों के कमी को पूरा करें।

भारतीय गेंदबाजी: भारत का स्पिन विभाग विशेष ध्यान का केंद्र होगा। कुलदीप यादव के अनुभव और अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर की संतुलित भूमिका भारत को घरेलू परिस्थितियों में मजबूत बनाने में मदद करेगी। पेसरों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, खासकर वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी को शुरुआती झटके देने में।

वेस्टइंडीज की तैयारी: कैरेबियाई टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और घरेलू परिस्थितियों के अभ्यस्त नहीं है। रोस्टन चेज की कप्तानी में टीम नए खिलाड़ियों के माध्यम से रणनीति अपनाएगी। शाई होप और जोमेल वॉरिकन जैसे खिलाड़ी विकेटों पर नियंत्रण बनाए रखने और टीम को मुकाबले में बनाए रखने की कोशिश करेंगे।

भारत घरेलू मैदान और मजबूत बल्लेबाजी-संतुलित गेंदबाजी के कारण फेवरेट हैं। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में अनुभवहीन टीमों के लिए हर गेंद मायने रखती है। पिछले न्यूजीलैंड दौरे की हार से टीम ने सीख ली है और खिलाड़ी हर मौके का पूरा फायदा उठाना चाहेंगे। यह सीरीज न केवल टीम इंडिया की नई पहचान बनाने का मौका है बल्कि घरेलू दर्शकों और युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत होगी।

वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम : शुबमन गिल (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल, रवींद्र जड़ेजा, वाशिंगटन सुंदर, जसप्रित बुमरा, अक्षर पटेल, नितीश कुमार रेड्डी, एन जगदीसन, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, कुलदीप यादव।