स्पोर्ट्स डेस्क : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में 30 रन की हार के बाद ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर उठे विवाद पर महान बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने अपनी बेबाक राय दी है। उन्होंने साफ कहा कि टीमों को पिच क्यूरेटर पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डालना चाहिए और न ही उनसे खास तरह की सतह तैयार करने की मांग करनी चाहिए। उनके मुताबिक, पिच तैयार करना पूरी तरह क्यूरेटर का स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्णय होना चाहिए, क्योंकि दखल देने से चीज़ें आसानी से उलटी पड़ सकती हैं।
“क्यूरेटर को अपना काम करने दें”—गावस्कर
भारत की दूसरी पारी में 93 रनों पर ऑलआउट होकर 124 रन का आसान लक्ष्य भी हासिल न कर पाने के बाद पिच पर कई सवाल उठे। शुरुआती दिन से ही विकेट पर तेज़ टर्न, उछाल और अनिश्चित व्यवहार देखा गया। शुभमन गिल की चोट और अनुपस्थिति ने टीम की बल्लेबाज़ी को और कमजोर किया।
गावस्कर ने कहा: 'IPL में भी फ्रेंचाइज़ी क्यूरेटर को निर्देश नहीं देती। क्यूरेटर अपने अनुसार पिच तैयार करता है। जब आप उससे पिच को मिलाने-जुलाने के लिए कहते हैं, तो वही उलटा पड़ जाता है और यही आपको टालना चाहिए।'
गंभीर के बयान से छिड़ा विवाद
हैड कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि टीम को वही प्रकार की पिच मिली जिसकी उन्होंने मांग की थी स्पिन-अनुकूल सतह। उनके इस बयान ने यह बहस फिर छेड़ दी कि क्या घरेलू टीम को पिच की प्रकृति तय करने में शामिल होना चाहिए। गावस्कर ने इस प्रथा का विरोध करते हुए कहा कि यह खेल की निष्पक्षता और तैयारी दोनों को प्रभावित कर सकता है।
CAB अध्यक्ष सौरव गांगुली की प्रतिक्रिया
CAB प्रमुख सौरव गांगुली ने माना कि कोलकाता की पिच आदर्श टेस्ट विकेट नहीं थी, लेकिन उन्होंने ज़ोर दिया कि टीम इंडिया को पिच पर दोष देने के बजाय अपने मूल खेल पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम बैलेंस, चयन और बल्लेबाज़ी में सुधार की सख्त ज़रूरत है, खासकर पिछले छह घरेलू टेस्ट में चार हार झेलने के बाद।
गुवाहाटी टेस्ट से पहले गिल पर संशय बरकरार
भारत को अब 22 नवंबर से गुवाहाटी में शुरू होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट में वापसी करनी होगी। लेकिन कप्तान शुभमन गिल की उपलब्धता पर अब भी प्रश्नचिह्न है, क्योंकि उनकी गर्दन की चोट पूरी तरह ठीक नहीं हुई है।