रायपुर: दूसरे वनडे में टीम इंडिया 358 रनों का विशाल स्कोर भी नहीं बचा पाई और साउथ अफ्रीका ने मैच 4 विकेट से अपने नाम कर लिया। पहले मैच में 17 रनों से हार झेलने के बाद अफ्रीका इस मुकाबले में पूरी तैयारी के साथ उतरा था। विराट कोहली और ऋतुराज गायकवाड़ के शानदार शतक भी भारत को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं साबित हुए। अफ्रीकी टीम ने रिकॉर्ड बराबरी करते हुए लक्ष्य का पीछा कर लिया और भारत को कई कमियों का अहसास करा दिया।
सबसे बड़ा खलनायक: ओस (Dew Factor)
भारत की हार का सबसे बड़ा कारण रहा रायपुर स्टेडियम में मौजूद भारी ओस। यह सिर्फ हल्की नमी नहीं थी, बल्कि इतनी अधिक थी कि भारतीय गेंदबाज गेंद को पकड़ने के लिए भी जूझते रहे। गेंद बार-बार गीली होने से स्विंग, सीम या टर्न कुछ भी नहीं मिल पाया। गेंद ‘साबुन की टिकिया’ की तरह हाथ से फिसल रही थी और साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ों ने इसका पूरा फायदा उठाया।
मैच के बाद कप्तान केएल राहुल ने भी माना: 'इतनी ओस में गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल हो जाता है। अंपायर कई बार गेंद बदल रहे थे, लेकिन उससे भी फर्क नहीं पड़ा। 350 अच्छा स्कोर लगता है, लेकिन हमें वो 20–25 रन और बनाने थे, ताकि गेंदबाजों को गीली गेंद के साथ कुछ मदद मिल सके।'
टॉस का श्राप: लगातार 20वां टॉस हारे राहुल
भारत की मुश्किलें बढ़ाने वाला दूसरा बड़ा कारण था टॉस। KL राहुल लगातार 20वां वनडे टॉस हारे, जिसकी संभावना लगभग एक-इन-अ-मिलियन है। दूसरी ओर, बवुमा ने बिना हिचक गेंदबाजी चुनी, क्योंकि वे जानते थे कि ओस दूसरी पारी में बल्लेबाजों को बड़ी बढ़त देगी।
फील्डिंग की कमजोरिया
ओस के कारण फील्डिंग आसान नहीं थी, लेकिन भारत से कई महंगी गलतियां हुईं। ड्रॉप कैच और मिसफील्ड ने साउथ अफ्रीका की पारी को और भी आसान बना दिया। खासतौर पर मार्कराम को मिले जीवनदान भारत पर भारी पड़े।
राहुल ने भी माना: “हमें फील्डिंग में और तेज़ रहना होगा। ऐसी कंडीशन में छोटी गलती भी मैच को हाथ से निकाल देती है।”
अंतिम ओवरों में धीमापन भी पड़ा भारी
358 रन के बावजूद टीम यह मैच क्यों हारी, इसका एक और कारण था अंत के ओवरों में भारत का स्लो-डाउन। कोहली–गायकवाड़ ने 195 रन की बेहतरीन साझेदारी की, पर आखिरी 10 ओवरों में टीम अपेक्षित तेजी नहीं ला पाई। भारत ने अंतिम 5 ओवरों में सिर्फ 41 रन बनाए। जडेजा (24 गेंद पर 27) और सुंदर (8 गेंद पर 1) तेज़ी नहीं ला पाए, जिसकी कीमत टीम को भारी पड़ी।
नतीजा: 358 भी कम पड़े
ओस, खराब फील्डिंग, गेंदबाजी में नियंत्रण की कमी और डेथ ओवर्स में रन न बनाना—इन सबने मिलकर भारत को मैच से दूर कर दिया। अगर तीसरे मैच में भी इसी तरह टॉस का बदकिस्मत सिलसिला जारी रहा, तो टीम इंडिया को पहली पारी में कम से कम 380 या उससे अधिक का लक्ष्य सोचना होगा।