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खेल डैस्क : कानपुर टेस्ट अपनी अनोखी व्यवस्था के कारण भी चर्चा में हैं। अक्सर बड़े क्रिकेट मैचों के दौरान स्टेडियम में सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस, सीआरपीएफ जवानों का सहयोग लिया जाता है लेकिन कानुपर में भारत बनाम बांग्लादेश दूसरे टेस्ट के दौरान स्टेडियम प्रबंधन ने लंगूरों की फौज भी नियुक्त की है। दरअसल, कानपुर के इस स्टेडियम में अक्सर लंगूर घूस जाता करते हैं और वह दर्शकों से खाना, कोल्डड्रिंक आदि छीनने का प्रयास करते हैं। इससे दर्शक भी निराश होते हैं और प्रबंधन को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्टेडियम प्रबंधन ने मदारी के साथ ट्रेंड लंगूरों को नियुक्त किया है। कानपुर टेस्ट के पहले दिन के दौरान यह ड्यूटी पर भी नजर आए। दूसरे दिन बारिश के कारण दर्शक स्टेडियम में नहीं पहुंचे तो ऐसे में स्टेडियम प्रबंधन को सुरक्षा को लेकर कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ी। नियुक्त लंगूर भी ड्यूटी नहीं दे पाए।

 

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वेन्यू के निदेशक संजय कपूर ने बताया कि बंदरों के आतंक से बचने के लिए, उनकी देखभाल के लिए हमारे पास लंगूर (लंबी पूंछ वाले बंदर) हैं। कपूर ने यह भी खुलासा किया कि स्टैंड में प्रसारण कैमरा पर्सन को बंदरों द्वारा भोजन और पेय लूटने का सबसे बड़ा खतरा होता है। बाउंड्री रोप के पीछे का स्टैंड जहां ब्रॉडकास्टर कैमरे और अन्य उपकरण रखता है, उसे काले कपड़े से ढक दिया गया था ताकि बंदरों को खाने की चीजें देखने और उन्हें चुराने से रोका जा सके।


कानपुर में मैच शुरू होने से पहले आयोजन स्थल पर कुछ अन्य मुद्दे भी सामने आए थे। पता चला कि स्टेडियम का सी ब्लॉक लोगों के ठहरने के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, पहले दिन का खेल शुरू होने से पहले इसे दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया था। बहरहाल, टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कपूर ने कहा कि "पीडब्ल्यूडी और हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने भी मैच से तीन दिन पहले अपना निरीक्षण किया और पाया कि सी ब्लॉक में कुछ सीटों का इस्तेमाल दर्शकों के लिए नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है। इसके ऊपर 1750 सीटें अभी भी दर्शकों के लिए उपलब्ध है।