खेल डैस्क : भारत के तेज गेंदबाज मयंक यादव ने अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर ग्वालियर में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी-20 मैच में 150 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ी। उन्होंने अपनी तेज गति और उछाल से बांग्लादेश के बल्लेबाजों को परेशान कर दिया। मयंक ने पहला ओवर मेडन फेंका। इसके बाद अगले ओवर में अनुभवी ऑलराउंडर महमुदुल्लाह का विकेट भी निकाला। हालांकि बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हुसैन शान्तो (Najmul Hossain Shanto) उन्हें खरतनाक नहीं मानते। उन्होंने दूसरे टी20 से पहले प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हमारे पास नेट्स पर कुछ ऐसे ही तेज गेंदबाज हैं। मुझे नहीं लगता कि हम (मयंक यादव) को लेकर बहुत चिंतित थे। लेकिन वह एक अच्छा गेंदबाज है। बता दें कि वर्तमान बांग्लादेश टी20 टीम में तस्कीन अहमद के अलावा कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है, जो नियमित रूप से 140+ की गति फेंकता हो।
मयंक ने मैच के दौरान 4 ओवर में 21 रन देते हुए 1 विकेट लिया। उनके स्पैल पर मेहदी हसन मिराज और ऋषद हुसैन ने थर्ड-मैन क्षेत्र में चौके जड़े। उन्होंने उनकी अतिरिक्त गति का इस्तेमाल किया। लेकिन इसके बावजूद मैच में प्रभावी रहे। बहरहाल, शांतो ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि उनकी टीम को यह नहीं पता कि टी20 मैच में लगातार 180 से अधिक का स्कोर कैसे बनाया जाए।
पिछले कुछ समय से बल्लेबाजी बांग्लादेश की कमजोर कड़ी पावरप्ले में उनका दृष्टिकोण रहा है। रविवार की रात 6 ओवरों में दो विकेट पर 39 रन बनाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा और फिर 127 रन का स्कोर बना सके। भारत ने इसे केवल 11.5 ओवर में हासिल कर श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बना ली। शान्तो को लगता है कि बांग्लादेश की पटरियाँ टी20 के बड़े स्कोरिंग खेलों के लिए अनुकूल नहीं हैं और इससे उनके सामूहिक बल्लेबाजी प्रदर्शन पर असर पड़ा है। हमारे पास क्षमता है, लेकिन हमारे कौशल में सुधार की गुंजाइश है। हम पिछले 10 वर्षों से इसी तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं। कभी-कभी हम अच्छा करते हैं। हमें कुछ बदलाव करने होंगे, शायद जहां हम घर पर अभ्यास करते हैं।
बता दें कि मयंक यादव ने आईपीएल 2024 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए नियमित रूप से 150 किमी/घंटा की गति से गेंदबाजी की थी। इससे पहले साइड स्ट्रेन के कारण उनका टूर्नामेंट छोटा हो गया था। तब से वह बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में बीसीसीआई की मेडिकल टीम की निगरानी में थे। रविवार को वह पांच महीनों के बाद पहली बार मैदान पर उतरे थे।