खेल डैस्क : भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ashwin) भले ही ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हैं लेकिन स्थितियों के हिसाब से उन्हें एक भी टेस्ट में मौका मिलता नहीं दिख रहा है। भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता देवांग गांधी ने मौजूदा प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि मौजूदा फॉर्म को ध्यान में रखा गया है। भारतीय टीम प्रबंधन एक ऐसी टीम के साथ उतरना चाहता था जो आत्मविश्वास से भरी हो। प्रबंधन पिछले रिकॉर्ड को नहीं देख रहा है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ बेहतर गेंदबाजी की और वह निचले मध्यक्रम में भरोसेमंद बल्लेबाज है। उनका टीम में होना समझ में आता है।
दिलचस्प बात यह है कि सेना देशों में अश्विन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2021 में एडिलेड में खेले गए दिन-रात्रि टेस्ट में आया था। उन्होंने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की पारी में 55 रन देकर 4 विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला में स्पिनरों की मददगार पिचों में अश्विन सिर्फ 9 विकेट झटक सकें।
गांधी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियों में भारत की गेंदबाजी योजना जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और हर्षित राणा के इर्द-गिर्द घूमेगी। अगर मोहम्मद शमी को बाद में शामिल किया जाता है तो वह भी इसमें होंगे। इसलिए स्पिनर का काम इन तेज गेंदबाजों को थकान से बचाने के साथ रन गति को नियंत्रित करना होगा। अश्विन ने सेना देशों में एक बार भी पारी में 5 विकेट नहीं चटकाए है। उन्होंने इन देशों में 43 मैचों में 83.7 की स्ट्राइक रेट से 71 विकेट लिए है। दूसरी ओर, जडेजा ने 35 मैचों में इसी स्ट्राइक रेट से 52 विकेट हासिल किए हैं।
भारत के एक पूर्व दिग्गज टेस्ट खिलाड़ी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि टीम के 2 मुख्य स्पिनरों ने पिछले 10 साल में विदेश में अगर सिर्फ एक बार 5 विकेट लिए हैं तो यह समस्या है। जब बल्लेबाजी की बात आती है तो वाशिंगटन इस मामले में दोनों से बेहतर हैं। भारत के इन दोनों अनुभवी स्पिनरों के लिए इस दौरे पर टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल होगा। किसी मैच में अगर 2 स्पिनरों की जरूरत हुई तो इन हालातों में वाशिंगटन के साथ एकादश में जडेजा को मौका मिलने के काफी ज्यादा आसार है।