खेल डैस्क : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने कड़ी चुनौती पेश की है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने का उनका भाग्य वैसे भी लटका हुआ है। अगर उन्होंने पांचवां टेस्ट गंवा दिया तो बची हुई संभावनाएं भी मिट्टी हो जाएंगी। हालांकि भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर लगातार तीसरी टेस्ट सीरीज जीतने का मौका खो दिया है, लेकिन एससीजी में नए साल के टेस्ट में उनके पास खेलने के लिए बहुत कुछ है। भारत बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का वर्तमान धारक है और सिडनी में जीत उन्हें इसे बरकरार रखने में मदद करेगी।
अब भारत के लिए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखने के लिए सिडनी में जीतना जरूरी है। बता दें कि एससीजी पर भारत का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। यही कारण है कि उन्हें मेलबर्न में जीत की जरूरत थी। जहां उन्होंने चार टेस्ट जीते थे। भारत ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 13 टेस्ट मैचों में से एक जीता है, जबकि पांच हारे हैं, जबकि सात मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए। उनकी एकमात्र जीत जनवरी 1978 में हुई जब कप्तान बिशन सिंह बेदी ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बॉब सिम्पसन की टीम को दो रन से मात दी थी। उक्त मैच में ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 131 रन पर आउट करने के बाद गुंडप्पा विश्वनाथ और करसन घावरी के अर्धशतकों की मदद से भारत ने 265 रन की बढ़त बना ली। इसके बाद, इरापल्ली प्रसन्ना के चार विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया टीम अपनी दूसरी पारी में 263 रन पर आउट हो गई। पहली पारी में भागवत चन्द्रशेखर और बेदी ने क्रमशः चार और तीन विकेट लिए थे।
ऐसे चल रही है टेस्ट सीरीज
पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में 295 रनों की बड़ी जीत के बाद जसप्रीत बुमराह ने भारत को पहले ही टेस्ट में भारी बढ़त दिलाई। लेकिन 1-0 की बढ़त के साथ भारत ऑस्ट्रेलियाई टीम पर शिकंजा नहीं कस सका। एडिलेड में, ऑस्ट्रेलिया ने ट्रैविस हेड के शतक के दम पर 10 विकेट से शानदार जीत दर्ज की। ब्रिस्बेन के गाबा में बारिश ने खलल डाला और हेड के शतक के बावजूद ऑस्ट्रेलिया बढ़त नहीं बना सका। यह मैच ड्रा हुआ। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए चौथे यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट को 184 रनों से जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। अब पांचवां टेस्ट सिडनी में होना है।
ऑस्ट्रेलिया है सीरीज में आगे
बॉर्डर गावस्कर सीरीज 2-1 से फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है और वह आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में दक्षिण अफ्रीका के साथ जुड़ने की मजबूत स्थिति में है। हालांकि, अगर भारत मैच जीतता है और श्रृंखला ड्रा करता है, तो न केवल वे फिर से ट्रॉफी बरकरार रखेंगे, बल्कि खुद को डब्ल्यूटीसी की दौड़ में भी जीवित रखेंगे, क्योंकि अगले साल ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका श्रृंखला के नतीजे उनके पक्ष में रहेंगे।