मुंबई : बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह का मानना है कि मयंक यादव को टेस्ट क्रिकेट में लाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह अपने करियर के शुरुआती दौर में है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी गति से प्रभावित करने वाले मयंक ने ग्वालियर में बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती टी20 में भारत के लिए शानदार पदार्पण किया। मयंक ने अभी तक सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेला है लेकिन उनकी विशेष प्रतिभा को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल कर लिया गया है।
आरपी सिंह मयंक की गति और नियंत्रण से प्रभावित हैं लेकिन उन्हें लगता है कि ऐसे गेंदबाज के लिए ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला का हिस्सा बनना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए आकाश दीप को तेज गेंदबाजी आक्रमण में होना चाहिए। उनकी गेंदबाजी करने का तरीका बेहतर लगता है। मयंक यादव के पास गति है, जो तेज गेंदबाजी का एक पहलू है। उन्होंने कहा कि ऐसी कई विविधताएं और कौशल हैं जो धीरे-धीरे विकसित होते हैं। मयंक अपने करियर के शुरुआती चरण में है। टेस्ट मैच में बहुत ज्यादा कार्यभार होता है। आपके धैर्य और कौशल की परीक्षा होती है।
इस पूर्व वामहस्त गेंदबाज ने कहा कि मयंक ने अभी उतनी घरेलू क्रिकेट नहीं खेली है जितनी आकाश दीप या मोहम्मद शमी ने (भारतीय टीम में शामिल होने से पहले) खेली थी। मयंक को अभी भी उस स्तर में आना बाकी है। आकाश दीप एक बेहतर विकल्प हैं। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में मयंक के कार्यभार को प्रबंधित करने को लेकर बात की थी।
आरपी सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कार्यभार प्रबंधन गेंदबाजी में नहीं, बल्कि जिम सत्र में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग काम के बोझ के बारे में बहुत बात करते हैं कि उन्हें कम गेंदबाजी करनी चाहिए लेकिन मेरी राय है कि जिम (सत्र) कम होना चाहिए। उन्होंने मयंक को कहा कि गति वास्तव में महत्वपूर्ण है लेकिन उसके कौशल में सुधार होते रहना चाहिए। उसे एनसीए और बीसीसीआई के अन्य कोचों की मदद से खुद को और बेहतर करना होगा।