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नई दिल्ली : खेल मंत्रालय को गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट में 3,442.32 करोड़ रुपए आवंटित किए गए जिसमें पिछले साल की तुलना में 45.36 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया। पिछले बजट में खेल मंत्रालय को 3,396.96 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। इस 2024-25 वित्तीय वर्ष के दौरान देश का मुख्य ध्यान पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलिम्पिक खेल पर लगा होगा।

 


खेलो इंडिया को पिछले बजट में 20 करोड़ रुपए का इजाफा कर 900 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। राष्ट्रीय शिविर आयोजित करने वाले, खिलाड़ियों को बुनियादी ढांचा और उपकरण मुहैया कराने वाले और कोचों की नियुक्ति के अलावा अन्य काम करने वाले भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के बजट में पिछले साल की तुलना में 26.83 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई जिससे अब यह 795.77 करोड़ रुपए का होगा। राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के 2023-24 के 325 करोड़ रुपए बजट में इस दफा 15 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया।

 


राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को इस अंतरिम बजट में 22.30 करोड़ रुपए आवंटित किए गए जो 2023-24 वित्तीय वर्ष में 21.73 करोड़ रुपए का था। राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को पिछले बजट की तुलना में ढाई करोड़ रुपए ज्यादा 22 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। राष्ट्रीय खेल विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र के बजट को 10 करोड़ रुपए से घटाकर 8 करोड़ रुपए कर दिया गया जबकि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए पिछली बार के 83.21 करोड़ रुपए के बजट को बढ़ाकर 91.90 करोड़ रुपए कर दिया गया। खिलाड़ियों को मिलने वाले भत्ते के बजट में काफी घटोतरी की गई जो 84 करोड़ से 39 करोड़ रुपए कर दिया गया।

 

राष्ट्रीय खेल विकास कोष के बजट में भी कटौती की गई जिसे 46 करोड़ से घटाकर 18 करोड़ रुपए कर दिया गया। पिछले बजट में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए 15 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जिसे अब 0.01 करोड़ रुपए कर दिया गया क्योंकि इस वर्ष इनका आयोजन नहीं किया जाएगा।

 

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कहा कि कोष में बढ़ोतरी से खिलाड़ियों को विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम लेने में मदद मिलेगी। ऊषा ने कहा कि इस ओलंपिक वर्ष में खेल बजट का सकारात्मक पहलू खिलाड़ी ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए बढ़ोतरी करना है। हमारे खिलाड़ियों को इस बढ़ोतरी से बेहतर कोचिंग और खेल विज्ञान सहयोग मिलेगा जिससे वैश्विक मंच पर उनके प्रदर्शन में सुधार होगा। यह जमीनीं स्तर से प्रतिभाओं को तराशने की ओर सकारात्मक कदम है। इससे खेलो इंडिया कार्यक्रम के जरिये जमीनीं स्तर पर प्रतिभा तलाशने में भी मदद मिलेगी।