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खेल डैस्क : नितीश राणा (Nitish Rana) आगामी रणजी सीजन में दिल्ली की ओर से खेलते हुए नजर नहीं आएंगे। पिछले साल नितीश से कप्तानी लेकर युवा बल्लेबाज यश ढुल (Yash Dhull) को दे दी गई थी। इसलिए इस सीजन में नितीश राणा के साथ ध्रुव शोरे ने भी डीडीसीए (DDCA) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा है। वहीं, दोनों क्रिकेटरों के इस फैसले से डीडीसीए बैकफुट पर आ गई है। एसोसिएशन के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा का कहना है कि दोनों क्रिकेटरों से बात कर उनका पक्ष जाना जाएगा। 

 

मनचंदा ने कहा कि हां, यह सच है कि ध्रुव और नीतीश दोनों दिल्ली छोड़ना चाहते हैं और उन्होंने एनओसी मांगी है। हम निश्चित रूप से उनसे रुकने का अनुरोध करेंगे क्योंकि दोनों वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और उन्होंने दिल्ली क्रिकेट की सेवा की है। लेकिन अंतिम निर्णय उनका होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं। 

 


समझा जाता है कि राणा जो पिछले साल तक सफेद गेंद के कप्तान थे, को यह पसंद नहीं था कि उनकी जगह एक सीजन पुराने यश ढुल को लिया जाए। राणा को दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में कुछ खिलाड़ियों से भी परेशानी है और उनमें मुंबई इंडियंस के हरफनमौला खिलाड़ी रितिक शौकीन भी शामिल हैं, जिन्होंने लाल गेंद क्रिकेट में सराहनीय प्रदर्शन किया था।

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पिछले सीजन में शोरे के 859 रनों के साथ खत्म करने के बावजूद दिल्ली नॉक-आउट के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी थी। तब मयंक अग्रवाल (990), अर्पित वासवदा (907) और अनुष्टुप मजूमदार (867) के बाद सबसे अधिक रन बनाने वालों की सूची में चौथे स्थान पर रही।

 


डीडीसीए के एक निदेशक ने बताया कि नीतीश नाराज हैं क्योंकि उन्हें लाल गेंद टीम से बाहर कर दिया गया और कप्तानी से हटा दिया गया। ध्रुव नाराज हैं क्योंकि पिछले सीजन में चयनकर्ताओं ने उन्हें लाल गेंद विशेषज्ञ करार दिया था। इसलिए वे हटना चाहते हैं। हो सकता है कि अध्यक्ष रोहन जेटली उनसे बात करें। बता दें कि जब वीरेंद्र सहवाग ने रणजी दिल्ली टीम छोड़ने का फैसला लिया था तो उन्हें भी डीडीसीए की ओर से रोका नहीं गया था। 

 

हिम्मत सिंह हो सकते हैं कप्तान
अगर राणा और ध्रुव नहीं रुकते तो मध्यक्रम बल्लेबाज हिम्मत सिंह को इस सत्र में रणजी ट्रॉफी की कप्तानी सौंपी जा सकती है क्योंकि डीडीसीए में ज्यादातर लोग इस बात से सहमत हैं कि ढुल को कप्तानी सौंपने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया था, जिन्होंने तब तक केवल एक ही प्रथम श्रेणी मैच खेला था।