Sports

नई दिल्ली : भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हाल में उतार चढ़ाव वाले प्रदर्शन पर नरिंदर बत्रा के कड़े संदेश और स्पष्टीकरण देने की मांग से हैरान हॉकी इंडिया के अधिकारी इस सप्ताह भारतीय ओलिम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे। बत्रा ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हाल के प्रदर्शन को ‘अस्वीकार्य’ करार दिया और मंगलवार को भेजे गए इस संदेश में हॉकी इंडिया से इसके कारणों के बारे में बताने को कहा। बत्रा अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के भी अध्यक्ष हैं।

हाकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निगोमबाम, महासचिव राजिंदर सिंह और सीईओ इलेनाा नोर्मन कोक भेजे गए पत्र में बत्रा ने कहा कि पिछले साल टोक्यो ओलिम्पिक में कांस्य पदक जीतने के बाद टीम के प्रदर्शन पर उन्हें गहरी चिंता है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि बत्रा के पत्र से हॉकी इंडिया हैरान है। ओलिम्पिक के बाद टीम पहले एशियाई चैम्पियन्स ट्राफी (एसीटी) में खेली जहां ओलिम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के केवल 8 सदस्यों ने हिस्सा लिया।

Hockey India, surprised, Batra, IOA chief, भारतीय पुरुष हॉकी टीम, नरिंदर बत्रा,  Indian men's hockey team, Narinder Batra, Hockey news in hindi, sports news

उन्होंने कहा- टीम प्रबंधन ने एसीटी में कोर ग्रुप के रिजर्व खिलाडिय़ों को आजमाया क्योंकि पिछले दो वर्षों से उन्होंने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला था। टीम ने केवल सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया जिससे वह खिताब बचाने में असफल रही। सूत्रों ने कहा कि प्रो लीग में फ्रांस के खिलाफ दूसरे मैच में भारत ने दबदबा बनाए रखा था लेकिन कुछ खामियों के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा। 

बत्रा ने अपने पत्र में टीम प्रबंधन पर भी उंगली उठाई थी, लेकिन उन्होंने किसी का जिक्र नहीं किया था। सूत्रों ने कहा कि इस मामले पर बात करने के लिए बत्रा के इस सप्ताह हाकी इंडिया के अधिकारियों से मिलने की संभावना है। कोचिंग स्टाफ भी वर्चुअल रूप से इसमें भाग ले सकता है। यह सामान्य बैठक ही होगी जिसमें पिछले कुछ मैचों में टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी लेकिन कोई कड़ा फैसला लेने की संभावना नहीं है।

 

हालांकि पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने हॉकी इंडिया के मामलों में दिलचस्पी लेने के बत्रा के रवैये पर सवाल उठाए और इसे हितों के टकराव का मामला बताया। उन्होंने कहा- निश्चित रूप से बत्रा का हस्तक्षेप हितों का टकराव है। वह एफआईएच के अध्यक्ष हैं और उस पद पर होने के कारण वह किसी भी तरह से राष्ट्रीय महासंघ के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।