स्पोर्ट्स डेस्क : तमिलनाडु प्रीमियर लीग में दूसरी बार खिताब जीतने वाली चेपॉक सुपर गिलीज के तेज गेंदबाज जी पेरियास्वामी प्लेयर ऑफ द फाइनल और टूर्नामेंट चुने जाने के बाद काफी सुर्खियों में हैं। फाइनल मैच में 5 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 21 विकेट चटकाए जोकि टीपीएल के इतिहास में किसी गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। अब उनकी नजर आईपीएल में खेलने पर है। लेकिन तमिलनाडु के सलेम जिले के चिनप्पाम्पट्टी के रहने वाले पेरियास्वामी के लिए क्रिकेट का ये सफर बेहद कठिन था। आइए एक नजर डालते हैं उनके जीवन पर -
बचपन में ही चली गई दायीं आंख की रोशनी
तमिलनाडु के रहने वाले पेरियास्वामी को 7 साल की उम्र में चिकन पॉक्स हो गया था जिस कारण उनकी दायीं आंख की रोशनी चली गई थी। पढ़ाई में दिक्कत के साथ ही स्कूल के बच्चे उन्हें काफी परेशान भी किया करते थे। इस कारण उन्होंने 7वीं के बाद स्कूल छोड़ दिया।
पिता चाय बेचते हैं और मां जानवर चराती हैं
पेरियास्वामी के पिता गणेशन चाय की दुकान हैं तो मां गंधमणि पालतू पशु चराती है। घर की माली हालत के कारण पेरियास्वामी कताई-बुनाई का काम किया करते थे। लेकिन एक समय उन्होंने क्रिकेट छोड़कर वेल्डर का काम भी किया। हालांकि उनकी किस्मत ने उनका साथ दिया और पेरियास्वामी को टी नटराजन और चिनप्पाम्पट्टी क्रिकेट क्लब चलाने वाले जयप्रकाश ने मदद का हाथ बढ़ाया।
डिंडीगुल ड्रैगंस के न चुने जाने पर ऐसे लिया बदला
ट्रायल के दौरान इस बार की उपविजेता टीम डिंडीगुल ड्रैगंस ने उन्हें अपनी टीम में नहीं चुना। इसके बाद पेरियास्वामी ने इस टीम के खिलाफ कमाल का प्रदर्शन किया. पहले क्वालिफायर में उन्होंने डिंडीगुल के खिलाफ 27 रन देकर 3 विकेट लिए और फिर फाइनल में 15 रन देकर 5 विकेट झटके।
आईपीएल में खेलने की आस
तमिलनाडु प्रीमियर लीग में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद अब वह आगे की सोच रहे हैं। वहीं टीएनपीएल में उनके प्रदर्शन को लेकर नटराजन और जयप्रकाश का मानना है कि पेरियास्वामी को आईपीएल में किसी न किसी टीम द्वारा खेलने का मौका मिल सकता है।