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स्पोर्ट्स डेस्क: मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आधी रात के बाद जब माहौल जोश से गूंज उठा, तब कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना एक-दूसरे से लिपटकर जश्न मना रही थीं। सालों की मेहनत और निराशाओं के बाद भारतीय महिला टीम ने आखिरकार अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया।

हरमनप्रीत ने कहा, 'मैंने स्मृति के साथ कई वर्ल्ड कप खेले हैं। हर बार हारकर लौटते थे, लेकिन इस बार हमें शुरू से भरोसा था कि जीत हमारी होगी। टीम का आत्मविश्वास पिछले तीन मैचों में जबरदस्त बढ़ा था।'

बारिश के कारण मैच दो घंटे देरी से शुरू हुआ, लेकिन भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। हरमनप्रीत ने कहा, 'हमने पहले ही गेंद से महसूस किया कि यह हमारा दिन है। स्मृति और शैफाली ने शुरुआती ओवरों में शानदार बल्लेबाजी की और टीम को मजबूत नींव दी।'

टीम इंडिया ने टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में हार का सामना किया था, लेकिन हेड कोच अमोल मजूमदार की शांत नेतृत्वशैली और मानसिक मजबूती पर फोकस ने टीम को फिर से खड़ा किया। 'सर ने हमें सिखाया कि बार-बार वही गलती नहीं दोहरानी। ध्यान और मेडिटेशन ने टीम को बदल दिया,' हरमनप्रीत ने बताया।

फाइनल में दीप्ति शर्मा और शैफाली वर्मा ने ऑलराउंड प्रदर्शन किया — दीप्ति ने पांच विकेट और अर्धशतक लगाया, जबकि शैफाली ने 87 रन बनाए और दो विकेट भी लिए।

अंत में उन्होंने कहा, 'भारत इस जीत के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहा था। अब हमें वो पल मिल गया है। यह जीत सिर्फ हमारी नहीं, पूरे देश की है।'