पर्थ : ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने प्रसन्नता जताई है कि शुक्रवार से यहां शुरू हो रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में उन्हें भारत के अनुभवी टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का सामना नहीं करना होगा। पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने पिछले दो दौरों पर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
पुजारा ने 2018-19 में चार टेस्ट की सात पारियों में 1258 गेंदें खेलकर तीन शतक जमाए थे। वह भारत की जीत के सूत्रधारों में से एक थे। उन्होंने 2020-21 की श्रृंखला में 928 गेंदें खेली जो श्रृंखला में किसी भी बल्लेबाज द्वारा सर्वाधिक थी और इस बार भी उन्होंने जीत में अहम योगदान दिया।
हेजलवुड ने पहले टेस्ट से पूर्व कहा, ‘मुझे खुशी है कि पुजारा उनकी टीम में नहीं है। वह ऐसे बल्लेबाज हैं जिनका विकेट आप हमेशा लेना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है।' उन्होंने हालांकि कहा कि भारत के पास काफी प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम में हमेशा युवा और नए खिलाड़ी आते रहते हैं। उन पर अच्छे प्रदर्शन का इतना दबाव होता है लिहाजा भारतीय एकादश में जो भी होगा, वह काफी प्रतिभावान होगा।'
पिछली बार ऋषभ पंत ने ब्रिसबेन में चौथे और आखिरी टेस्ट में नाबाद 89 रन बनाए थे। हेजलवुड ने कहा कि पंत के जैसे आक्रामक बल्लेबाज के लिए लचीलापन अपनाना होगा। उन्होंने कहा, ‘ऐसे बल्लेबाज के सामने आपको हमेशा प्लान बी या सी रखना होता है। हमारे पास भी ट्रेविस हेड और मिचेल मार्श जैसे आक्रामक खिलाड़ी हैं।'
शुभमन गिल अंगूठे की चोट के कारण पहला मैच नहीं खेलेंगे जिसकी वजह से भारत को तीसरे नंबर पर नया बल्लेबाज उतारना होगा। हेजलवुड ने कहा, ‘इससे शीर्ष छह का संतुलन बिगड़ता है लेकिन भारतीय क्रिकेट में बहुत गहराई है, शायद दुनिया में सबसे ज्यादा। जो भी आएगा, वह बेहतरीन ही होगा।'
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की कमी खलेगी जो चोट से उबरने के बाद पहले हाफ में नहीं खेल सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘उन्हें शमी की कमी खलेगी जो 60 टेस्ट खेल चुका है और अनुभवी गेंदबाज है। लेकिन इतने साल में युवाओं की अगुवाई का काम जसप्रीत बुमराह भी कर रहे हैं। वह पहले टेस्ट में कप्तान भी है और उम्मीद है कि खिलाड़ी उनसे प्रेरित होंगे।'