सिंगापुर ( निकलेश जैन ) भारत के डी गुकेश को 18वें विश्व शतरंज चैम्पियन बने हुए अभी करीब 42 घंटे बीत चुके है पर हर भारतीय शतरंज प्रेमी के अंदर उनका विश्व चैम्पियन बनने का लम्हा हर क्षण गूंज रहा है । गुकेश नें आखिरी क्लासिकल मुक़ाबले में चीन के डिंग लीरेन को पराजित करते हुए इतिहास के सबसे युवा विश्व चैम्पियन बनने का गौरव अपने नाम कर लिया । उन्होने सबसे युवा विश्व चैम्पियन बनने का रूस के गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तीन साल से भी अधिक के अंतर से तोड़ दिया । गुकेश नें आखिरी मैच में कभी कभी खेल को ना रोकने की अपनी इच्छाशक्ति के दम पर जीत हासिल की , डिंग की रक्षात्मक खेल कर टाईब्रेक पर जाने की सोच नें उन्हे अंत में गलती करने पर जैसे मजबूर कर दिया । मैच एक बाद गुकेश नें डिंग की तारीफ करते हुए उन्हे एक योद्धा बताया और दुनिया को यह भी एक संदेश दे दिया की वह सिर्फ एक शानदार शतरंज खिलाड़ी , विश्व चैम्पियन ही नहीं बल्कि एक शानदार इंसान भी है जो अपने विरोधी का भी सम्मान करते है ।
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अब से थोड़ी देर पहले पुरूस्कार वितरण कार्यक्रम में गुकेश को फीडे प्रेसिडेंट अरकादी द्वारकोविच नें विश्व खिताब की ट्रॉफी सौंपी .
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18 साल के गुकेश बने 18वें विश्व शतरंज चैम्पियन !
इतिहास बन चुका है , भारत के दोम्माराजू गुकेश नें विश्वनाथना आनंद के नक्शे कदम पर चलते हुए विश्व विजेता बनने का अपना बचपन का सपना पूरा कर लिया है। गुकेश नें अपना पुरुष्कार लेते हुए कहा की यह ट्रॉफी ही वह कारण है जिसने उन्हे हर सुबह उठाया और उन्हे हर छोटे से छोटा प्रयास करने के लिए प्रेरित किया ।
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तस्वीर में अपने माता पिता के साथ गुकेश !
गुकेश नें पूर्व विश्व चैम्पियन डिंग लीरेन को एक सच्चा योद्धा बताया तो अपने माता पिता के योगदान को अमूल्य बताते हुए कहा की यह उपलब्धि मुझ से ज्यादा उनकी है ,
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गुकेश नें अपने सभी कोचो का धन्यवाद किया तो अपनी वर्तमान टीम को खूब सराहा , उन्होने कहा की यह सब कुछ सपने जैसा है और उन्हे लगता है आज भी मैगनस कार्लसन शतरंज की ऊंचाई पर है और यह बात उन्हे आगे बढ्ने के लिए प्रेरित करती रहेगी ।